धार जिला किसान कांग्रेस ने किया डूब क्षेत्र का दौरा

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मनावर (सोहन काग) बीते सोमवार को जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष राजेश पवार के नेतृत्व में सरदार सरोवर बांध से प्रभावित विस्थापितों का हाल जाना गया जिसमें श्री पंवार के साथ समाज सेवी हरीश जी खंडेलवाल ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष ओम जी सोलंकी पूर्व नगर अध्यक्ष रविंद्र जी पाटीदार जगदीश मुकाती अरुण गर्ग एवं पूर्व युवा ब्लॉक् काँग्रेस अध्यक्ष सोहन काग, महेंद्र बर्फा सहित कांग्रेस के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित विस्थापितों का हाल जाना। जिसमें सेमल्दा से कडमाल तक दौरा कर डुब से प्रभावितो का हाल जाना ।
जिस में डूब से प्रभावित लोगों ने विसंगति पूर्ण सर्वे व अधिकारियों की बंदर बाट की वजह से डुब की कगार पर पहुंचना बताया। उनका कहना था कि सर्वे उन लोगों से करा लिया गया जो इस विभाग के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी ही नहीं रखते थे, जैसे अध्यापक उन्हें राजस्व व लेवल तकनीकी की क्या जानकारी लेकिन दलाली की बंदर बाट कर चुके अधिकारियों ने स्वयं उपस्थित होकर भौतिक सत्यापन करने की बजाय शिक्षा विभाग के अध्यापको से सर्वे करवा लिया। जिसमें एक का मकान डूब रहा है तो वही पास में रहने वाले पड़ोसी को डूब से अप्रभावित बता दिया। इन्ही विसंगतियों की वजह से आज हम मरने को मजबूर है जिन्हें ना ही मुआवज़ा राशि दी गयी और ना ही प्रभावी कानून की सुविधा इस तरह से विसंगति पूर्ण सर्वे के ही कारण डूब प्रभावितों को मुआवजा राशि से वंचित कर दिया गया। जबकि आज वही प्रभावित लोग नर्मदा के जल से पूरी तरह से डूब चुके हैं। लेकिन कइयों को उसका मुआवजा नहीं मिला जबकी पिछली सरकार द्वारा बताया गया कि 178 ग्राम के प्रभावित लोगों को पूर्णतः विस्थापन की सुविधाये दे दी गई है। जो एक झूठा आंकड़ा था वही न्यायालय को भी पिछली सरकार ने गुमराह किया है कि कोई भी गांव अब डूब से प्रभावित नहीं है। ऐसी ही भ्रमित करने वाली जानकारी विस्थापितों के साथ छलावा किया गया है। जिसका दंश आज डूब प्रभावित के लोग अपनी जान दे के भुगत रहे हैं।
जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष राजेश पवार का कहना था कि जब 178 ग्राम के निवासियों को विस्थापन की सुविधा दे दी गई तो फिर वह लोग आज पानी में डूब मरने के लिए क्यों मजबूर है। वही 980 करोड रुपए के जो टीन शेड बनाए गए हैं उनकी क्यों जरूरत महसूस होने लगी। यदि 178 ग्राम के बाशिंदों को मूलभूत सुविधाएं दी गई होती तो आज उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता तो करोड़ो रूपये के टीन शेड की भी बंदर बाट नही होती।

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