एक डाँक्टर कि लापरवाही से कटा मासूम बच्ची का हाथ ।
जिला चिकित्सालय को चला रहे प्राइवेट अस्पताल की तरह
स्वयं प्रभारी सीएमएचओ डाँक्टर गूप्ता दे रहे थे प्राइवेट केशर अस्पताल मे अपनी सेवाएं
एक मासूम बच्ची के पैर का इलाज कराना पिता को पडा भारी
कटा बच्ची का हाथ ।
आखिर कब होगी पीडीत पिता कि सुनवाई
प्रभारी सीएमएचओ डाक्टर गूप्ता ने दिया पीडीत पिता को दो लाख रुपये का लालच।
पीडित पिता बच्ची को लेकर पहूंचा कलेक्टर के पास
आलिराजपूर ÷आदिवासी बाहुल्य जिले आलिराजपूर मै स्वास्थ्य सेवाएं इन दिनों लचर हालत मै है। यहाँ डाँक्टर की लापरवाही का खामियाजा गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है ।कहने को तो जिला अस्पताल आईएसओ प्रमाणित जिला अस्पताल है करोडों रुपये की लागत से बने सर्वसूविधा यूक्त ट्रामा सेंटर का निर्माण पिछली सरकार मै किया गया ।मगर यहाँ किसी भी प्रकार की सुविधा नही है। ना डाक्टर है ना संसाधन तभी तो अस्पताल में मोजूद जिम्मेदार अधिकारी अपनी चांदी काट रहे हैं ।ओर गरीब आदिवासीयो को लूट रहे है ।ऐसा ही मामला आलिराजपूर जिले के ग्राम अमला का है जहाँ की रहने वाली राधिका के पैर मे फैक्चर होने के चलते परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहाँ उसका उपचार अस्पताल के वर्तमान सीएमएचओ डाँक्टर गूप्ता के हाथों हूआ। डाक्टर गूप्ता ने इलाज तो जिला अस्पताल मे किया ।मगर कूछ दिनो के बाद राधिका को छोटा उदयपुर के केशर अस्पताल मे भर्ती कर दिया।जहाँ डाँक्टर राजू की देख-रेख में उस बच्ची का ईलाज हूआ।ईलाज तो पैर का हूआ मगर सढन हाथ में लग गयी बताया गया कि बच्ची का उपचार गलत तरीके से किया गया था ।जिसके कारण बच्ची के हाथों मे इन्फेक्शन फैल गया था ।जिसकी शिकायत पीडीत पिता के द्वारा पूर्व कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा से कि गयी थी जिसके बाद कलेक्टर साहब ने एफआईआर करवाने का बोला था ।मगर राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते डाँक्टर केसी गूप्ता पर कोई कार्यवाही नही हूई । अब बच्ची का हाथ कट गया ओर डाक्टर पीड़ित पिता को 2लाख रूपये का लालच देकर मामले को रफा दफा करने का कह रहे हैं ।जिसकी शिकायत पीडीत पिता के द्वारा कलेक्टर शमीमउद्दीन से की गयी है ।पीडित पिता ने आवेदन देकर डाँक्टर गूप्ता के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है ।आवेदन मै कहाँ गया है कि उनसे अस्पताल का 16हजार रूपये का बिल भी डाक्टर के द्वारा भरवाया गया है । पीडित पिता का यह भी आरोप है कि जिला अस्पताल से रोजाना 5से 6केस डाँक्टर गूप्ता केशर अस्पताल मे भेजते थे अगर जिला अस्पताल ओर केशर अस्पताल के रजिस्टर की जांच हो जाए तो सब पता चल जाएगा ।।अब देखते हैं कि एक मासूम बच्ची के हाथ को काटने वालो के खिलाफ कब तक कार्यवाही होती है।