*क्षिप्रा मे निरंतर रहे पानी,संभागायुक्त ने कलेक्टरों के साथ किया क्षिप्रा डेम का निरिक्षण*
*देवास* आगामी समय में मकर संक्रान्ति जैसे महत्वपूर्ण पर्व आने वाले हैं, जिन पर बड़ी संख्या में जनसमुदाय क्षिप्रा नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान करता है। समय-समय पर नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना से शिप्रा नदी में जल छोड़ा जाता है, जिससे उज्जैन में क्षिप्रा का जल स्तर बढ़ता है। सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारी क्षिप्रा नदी में नर्मदा का जल छोड़े जाने के स्थल से रामघाट उज्जैन तक यह जल पर्याप्त मात्रा में आ सके, ऐसी व्यवस्था करें। कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होगी।
संभागायुक्त अजीत कुमार ने आज बुधवार को देवास में क्षिप्रा डेम तथा इंदौर जिले में जलौद डेम तथा नदी के प्रवाह स्थलों का निरीक्षण करते हुए उक्त निर्देश दिये। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय, उज्जैन कलेक्टर शंशाक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा, एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, नगर निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान, एसडीएम जीवनसिंह रजक सहित जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, राजस्व विभाग, एनवीडीए आदि के अधिकारी उपस्थित थे।
492.3 मीटर पर ले जाएं बैराज का जल स्तर
संभागायुक्त अजीत कुमार देवास में क्षिप्रा नदी पर बनाए गए क्षिप्रा बैराज पर पहुंचे। जब उन्होंने एनवीडीए, सिंचाई विभाग एवं अन्य अधिकारियों से पूछा कि यहां पर जल स्तर कितना हो, जिससे उज्जैन तक क्षिप्रा नदी में पर्याप्त पानी पहुंच सके। इस पर अधिकारियों ने बताया कि यहां पर जल स्तर 492.3 मीटर होने पर उज्जैन तक पर्याप्त पानी आसानी से पहुंच जाता है। इस पर निर्देश दिए गए कि आगामी 12 तारीख तक यहां पर क्षिप्रा का जल स्तर 492.3 मीटर तक हो जाए, जिससे 13 तारीख तक उज्जैन क्षिप्रा नदी में पर्याप्त पानी पहुंच जाए। तदनुसार सभी विभाग कार्रवाई करें।
जलौद डेम भी देखा
क्षिप्रा बैराज के निरीक्षण के बाद संभागायुक्त एवं अन्य अधिकारीगण इन्दौर जिले की सीमा पर स्थित जलौद डेम पहुंचे तथा वहां क्षिप्रा नदी के प्रवाह की स्थिति को देखा। वहां डेम के 5 गेट खुले पाए गए, शेष गेट बन्द थे। इस पर उन्होंने निर्देश दिए कि डेम के सारे गेट खोले जाएं। अधिकारियों को बताया गया कि डेम में ड्रॉपगेट लगे हैं, जिन्हें खोलने में दिक्कत आती है। इस पर निर्देश दिए गए कि वहां चेनपुली वाले गेट लगाये जाये