मिजल्स रूबेला को जड़ से मिटाने के लिये पोलियो की तरह चलाया जाएगा अभियान

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मिजल्स रूबेला को जड़ से मिटाने के लिये पोलियो की तरह चलाया जाएगा अभियान
देवास। मिजल्स रूबेला खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। वहीं रूबेला से बच्चों में जन्मजात बीमारियों जैसे दिल में छेद, मानसिक विकलांगता आदि का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे हालात में इन दोनों बीमारियों से बचाव के लिए सरकार ने अब मिजल्स का टीका लगाना बंद कर इसके स्थान पर अब बच्चों को मिजल्स-रूबेला का टीका लगाया जाएगा। इसके लिये माह जनवरी 2019 में एम आर वेक्सीन कैम्पेन शुरू किया जाएगा। उक्त अभियान देवास जिले में डॉ. श्रीकांत पाण्डेय के निर्देशानुसार चलाया जावेगा।
इम्युनिटी फॉर कम्युनिटी
एम आर वेक्सीन से बच्चों में मिजल्स और रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होकर बाल मृत्यु में कमी होगी वहीं लड़कियों को यह टीका लगाने से इस बात की ग्यारंटी हो जाएगी कि जब वह माँ बनेगी तो उनके गर्भ में जन्म लेने वाले बच्चे में कोई जन्मजात बीमारी नहीं आएगी। अधिकांश महिलाएं बार बार गर्भपात का शिकार हो जाती है  यदि गर्भधारण हो जाता है तो या तो वे मृत शिशु को जन्म या उनका गर्भस्थ शिशु अविकसित अथवा कुछ न कुछ जन्मजात शारीरिक दोष के साथ जन्म लेता है जैसे दिल में छेद, शरीर का कोई भाग न होना या मानसिक रूप या शारीरिक रूप से बाधित होना ।
इस शिशु के साथ माता पिता का जीवन भी नारकीय हो जाता है। जो बच्चा बड़ा होकर माता पिता का सहारा होगा वही जन्म से माता पिता पर आश्रित हो जाता है। इसके कई कारण हो सकते है जिसमें से एक बड़ा कारण है रूबेला वायरस का संक्रमण।
उक्त जानकारी देते हुए डॉ. एसके सरल मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार बच्चों को एक और घातक बीमारी अपना शिकार बनाती है जिसे मिजल्स या खसरा कहते है। मिजल्स खुद इतना खतरनाक नहीं होता जितना कि इसके दुष्परिणाम जैसे अंधापन, मस्तिष्क में सूजन, निमोनिया, डायरिया। मिजल्स का पीडि़त बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। अधिकांश बच्चों की मृत्यु हो जाती है। पूरे विश्व में मिजल्स से होने वाली 30 प्रतिशत बाल मृत्यु केवल भारत में होती है।
क्या इन दोनों घातक बीमारियों को रोका जा सकता है ?
जी हाँ बिलकुल रोका जा सकता है। एम आर वेक्सीन द्वारा एक ही एम आर टीके द्वारा दोनों बीमारियों को रोका जा सकता है। इसलिए भारत के 23 से अधिक राज्यों में सफलतापूर्वक 15 करोड़ से अधिक बच्चों को सुरक्षित करने के बाद अब सरकार शीघ्र ही जनवरी 2019 से म.प्र. के 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क टीका लगवाकर जीवन सुरक्षित करने जा रही है। माह जनवरी 2019 से शुरू होने वाले इस महायज्ञ में भागीदार बनने हेतु कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पाण्डेय, सी.एच.एम.ओ. डॉ. एस.के. सरल, डब्ल्यू.एच.ओ. एस.एम. ओ डॉ. सुधीर सोनी ने जनप्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधि, समस्त शासकीय, अशासकीय व सामाजिक संस्थाओं तथा आम नागरिकों से भागीदार बनकर सहभागिता हेतु अपील की है कि अपने 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को एम आर वेक्सीन अभियान के अंतर्गत स्कूलों, आंगनवाडी केन्द्रों, टीकाकरण सत्रों तथा समस्त शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में टीका लगवाकर उनका जीवन व भविष्य मजबूत करें।
अभियान को सफल बनाने हेतु कलेक्टर डॉ.श्रीकांत पाण्डेय की अध्यक्षता में डी.टी.एफ. बैठक का आयोजन 17 दिसम्बर को कलेक्टोरेट में तथा जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन होटल खेड़ापति में डब्ल्यू एच ओ द्वारा भी आयोजित किया गया है। डीटीएफ तथा कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के जिला तथा स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। डीटीएफ में कार्ययोजना की जानकारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.कैलाश कल्याणे तथा कार्यशाला में व्याख्यान डॉ. सुधीर सोनी एसएमओ डब्ल्यू एच ओ द्वारा दिया जाएगा।  अभियान में महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग का समन्वित अहम भूमिका होगी।
एम.आर.वेक्सीन सुरक्षित व जरूरी
यह वेक्सिन कितनी सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह डब्ल्यू एच ओ द्वारा प्रमाणित है और इसका उपयोग विश्व के 150 देशों में किया जा रहा है। एम आर वेक्सीन केम्पैन की शुरूआत भारत में मिजल्स-रूबेला को पोलियो की तरह जड़ से मिटाने के लिए की गई है। यह टीका सरकारी अस्पतालों, आंगनवाडी केन्द्रो तथा प्रायमरी स्कूलों से हाईस्कूलों में मुफ्त में लगाया जाएगा।
एम आर वैक्सीन टीकाकरण हेतु 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चे होंगे जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 30 प्रतिशत होगी। इसके विशेष जनजाग्रति हेतु दस्तक अभियान अंतर्गत 17 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक घर घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता व आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा जानकारी दी जावेगी, स्कूलों में शिक्षकों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी दी जाएगी।
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