कमल संभालेंगे प्रदेश की कमान,* *कौन बनेगा प्रदेश कांग्रेस का कप्तान

390 Views

*कमल संभालेंगे प्रदेश की कमान,*
*कौन बनेगा प्रदेश कांग्रेस का कप्तान*

*(डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’-खबर हलचल न्यूज)*

भोपाल | मंगलवार को आए विधानसभा चुनाव परिणामों ने एक ओर जहाँ मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तित कर कांग्रेस का 15 वर्षों का वनवास खत्म कर दिया,वही कमलनाथ के नेतृत्व की स्वीकार्यता और सुझबुझ का लोहा भी मनवा लिया |
कांग्रेस 114 विधायकों और 5 निर्दलयी विधायक जो कांग्रेस के समर्थन में आ रहे है उनके साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे है |
कांग्रेस विधायक दल की बैठक तो आज शाम 4 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में होने जा रही है | पर सूत्रों की माने तो प्रदेश के मुखिया के तौर पर कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए सहमत है | दिग्विजय सिंह ने इस बात का समर्थन करके कमलनाथ की राह आसान कर दी | वैसे भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की आवश्यकता कांग्रेस को आगामी आमचुनाव में केन्द्रीय कद व जीत के लिए रहेगी, इसी बात के मद्देनज़र टीम राहुल के भरोसेमंद सैनिक सिंधिया को केन्द्र में ही वापस ले जाया जाएगा |
इन्ही कवायदों और रणनीतियों के बाद सबसे अहम जिम्मेदारी कांग्रेस के संगठन में फेरबदल की है क्योंकि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी खाली होगी |

_*कौन होगा पीसीसी अध्यक्ष*_

कमलनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस कप्तान के कद का महत्वपूर्ण दायित्व होगा, क्योंकि आगामी 6 माह बाद ही देश में लोकसभा चुनाव है, और कांग्रेस इस जीत को वहाँ भी बरकरार रखना चाहती है| जिस तरह से मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने कांग्रेस को एकजुट करके चुनाव विजय की ओर मोड़ा है, वह कार्य आगामी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी करना होगा|
अजयसिंह के स्वयं हार जाने और कांतिलाल भूरिया को अपने बेटे तक को न जीता पाना उनकी राह में रोड़ा है, और अरुण यादव का पूर्व कार्यकाल और वर्तमान हार उन्हें दोबारा अध्यक्ष बनने नहीं देगा | ऐसे में निर्विरोध नाम के तौर पर राजपुर से विजय हुए बालाबच्चन के नाम पर सहमति बनने के आसार है| और वैसे भी बाला बच्चन कुशल रणनीतिकार भी है, और संगठन की दृष्टि से विवादों से दूर सभी में सामन्जस्य बैठाने वाला नेतृत्व है |

*क्या बदल सकते है प्रमुख सचिव*
निजाम बदलते ही अफसरशाही के बदलने की भी रवायतें भी रहती है, इसी दिशा में सूत्रों की माने तो चीफ सेक्रेट्री के दायित्व पर मोहंती के आने की संभावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता | एक कुशल प्रशासक के रूप में मोहंती का कार्य सदैव ही प्रभावशाली रहा है|

*इंदौर से छटेगा दादा-भिया का दंभ*
इंदौर की जनता बरसों से दादा- भिया के पट्ठों से त्रस्त है, हर काम में पैंच फँसाने के लिए कोई न कोई पट्ठा आ ही जाता था, हर कही भीया के आदमी, दादा के आदमीयों का बोलबाला था, जिससे जनहितैषी कार्य हो या निजी काम, पर अड़ंगा तो आ ही जाता था | सरकार के चले जाने से कम से कम भिया-दादा के पट्ठों की दबंगई कम होगी और जनता आजाद |

_*जनता ने चाहा परिवर्तन*_
अबकि बार शिवराज के बड़बोले बोल और केन्द्र सरकार की विसंगतियों की भेंट मध्यप्रदेश का परिवर्तन चड़ गया| माई के लालों का आव्हान और आरक्षण का समर्थन शिवराज को सामान्य वर्ग की नाराजगी दिखा गया|

Translate »