आंगनवाड़ी सुपरवाईजर को रिश्वत लेने के आरोप में 03 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा
*बड़वानी से कपिलेश शर्मा* -/प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री समीर कुलश्रेष्ठ बड़वानी ने पारित अपने फैसले में आरोपिया श्रीमति धुधरीबाई ठाकुर निवासी ग्राम धवली तत्कालीन अंागनवाड़ी सुपरवाईजर सेक्टर जामुनझिरा जिला बड़वानी को धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मे 03 वर्ष का कारावास एवं 3000 जुर्माना एवं धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मे 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रू के जुर्माने से दण्डित किया। प्रकरण मे पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री महेश पटेल बड़वानी एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दुष्यंतसिंह रावत बड़वानी द्वारा की गई।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री महेश पटेल बड़वानी द्वारा बताया गया कि घटना का विवरण इस प्रकार है कि- आवेदिका ग्राम झांगटा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है। 17 जुलाई 2015 को आवेदिका का स्वास्थ्य अचानक खराब हो जाने से आवेदिका आंगनवाड़ी केन्द्र नही पहुच पायी थी एवं आवेदिका की सहायिका भी उस दिन किसी कारण से आंगनवाड़ी केन्द्र पर नही गई थी। उसी दिनांक को आवेदिका की सुपरवाईजर आरोपी श्रीमति धुधरी ठाकुर आंगनवाड़ी केन्द्र पर निरीक्षण के लिए गई थी और उन्होने निरीक्षण पंचनामा बनाया था। उसके बाद से 7-8 दिन बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की बैठक आरोपिया ने अपने घर पर धवली में ली और कहा कि 17 जुलाई 2015 को तुम्हारे आंगनवाड़ी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान तुम और तुम्हारी सहायिका अनुपस्थित थी। ऐसा बताते हुए निरीक्षण पत्रक बनाए गए पंचनामे की फोटो काॅपी आवेदिका को दी थी। उस पंचनामें में आवेदिका की डेढ़ माह की अनुपस्थिति उन्होने लिखी थी। इसी दौरान आरोपिया ने आवेदिका से कहा कि अगर वे उन्हे 3 हजार रुपये दे दे तो वे उनकी अनुपस्थिति और पंचनामे की कापी उच्च अधिकारियों को नही देगी और उनका डेढ़ माह का वेतन भी निकलवा देगी। आवेदिका, आरोपिया धुधरी ठाकुर आंगनवाड़ी सुपरवाईजर को रिश्वत नही देना चाहती थी, बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहती थी। आवेदिका ने इसकी शिकायत लोका युक्त को की।
तत्पश्चात् आरोपिया ने आवेदिका को 2500 रू. रिश्वत राशि लेना तय कर 26 अगस्त 2015 को अपने घर पर बुलाया था। जिस पर से लोाकयुक्त टीम द्वारा विधिवत ट्रेप का आयोजन कर आरोपिया श्रीमति धुधरी ठाकुर को उसके निवास धवली आवेदिका से 2500 रू. की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़कर गिरफ्तार किया गया था। आरोपिया धुधरी ठाकुर आंगनवाड़ी सुपरवाईजर द्वारा लोक सेवक होते हुए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए 3000 रू. राशि की मांग कर ट्रेप दिनांक को आवेदिका से 2500 रू. रिश्वत अवैध पारितोषण के रूप में प्राप्त की गई। आरोपिया श्रीमति धुधरी ठाकुर का उपरोक्त कृत्य धारा 7, 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध पाया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
आंगनवाड़ी सुपरवाईजर को रिश्वत लेने के आरोप में 03 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा
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