*क्या भिया कोन आ रहा है ।
लगते रहे गुणा भाग ,होती रही चर्चाए*
सेंधवा-क्या भिया कौन रहा है, उधर क्या पोजिशन रही , वहाँ कितने वोट पड़े , उसने डाला कि नही , माहौल बहुत बढ़िया था , मालूम नई पड़ा यार उधर से कित्ते मिलेंगे , पहाड़ पट्टे का क्या गणित , ग्रामीण से कंफर्म हुआ क्या । चौराहों पर , पान गुमटियों, नेताओ की चौपालों पर यह चर्चाए मतदान के बाद आम रही , सब अपने अपने हिसाब से गुणा भाग करते देखे गए । कहीं गीले शिकवे दूर हुए तो कहीं बनती बाते बहस में बदली , राजनीति का रंग अभी 11 दिसम्बर तक यू हीं जारी रहेगा । जनमानस के पटल पर यह चुनाव भी कई बातों को लेकर यादगार रहेगा । सरकारे किसकी बने सत्ता में जो भी आये आम मतदाता हमेशा की तरह इन चर्चाओं से अपनी राजनीतिक जिज्ञासाओं को शांत करता आया है और अपने अनुभव में वृद्धि करता आया है ।
*प्रत्याक्षियों की रही साधारण दिन चर्या*
जनता में जहाँ उत्सुकता चरम पर रही , वहीं प्रत्याक्षियों की बात करे तो दोनों प्रत्याक्षी अंतरसिंह आर्य और ग्यारसीलाल रावत दोनो ही अपने अपने दैनिक कार्यो में लिप्त रहे । आर्य ने अपने खेतों के दौरा किया वहीं रावत ने भी अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ समय परिवार कुछ मिलने जुलने वालो और कुछ समय अपने गृह ग्राम में बिताया । दोनो ही प्रत्याक्षी अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वत नजर आए ।
*रणनीतिकार लगाते रहे गणित*
इधर दोनो ही दलों के रणनीतिकार प्रशासन की और से प्राप्त होने वाले आकड़ो से अपने अपने समीकरण बैठाते रहे । शहर तथा ग्रामीण से फीडबेक लेते रहे और आकलन बैठाते रहे ।