काकी और भतीजे के अवैध संबंधो के कारण स्वंय के पति एवं स्वंय काका की हत्या की गई, न्यायालय द्वारा दोनो आरोपीगण को आजन्म सश्रम कारावास एवं 5,000-5,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया,

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देवास/खातेगांव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्रमांक 32/2018 म.प्र. राज्य द्वारा आरक्षी केन्द्र खातेगॉव विरूद्ध चिंताबाई पति स्व. कचरूलाल उम्र- 35 वर्ष एवं दीपक पिता भंवरसिंह उम्र- 25 वर्ष निवासी ग्राम पुरोनी थाना खातेगॉव जिला देवास के प्रकरण में आरोपीगण को धारा 302 भा.द.वि. में में दोषी पाते हुए आजन्म सश्रम कारावास एवं 5,000-5,000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 201 भा.द.वि. में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया,

उक्त सजाएॅ साथ साथ भुगताई जावेगी,

घटना का संक्षिप्त विवरण

अपर लोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने बताया की थाना खातेगॉव पर दिनांक 16.08.2017 को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम सातागॉव के रास्ते में प्रभुलाल के खेत के पास एक लाश पडी हुई है,
यह सूचना दिनांक 16.08.2017 को रोजनामचा दर्ज की गई तब मौमिन अंसारी पुलिस बल के साथ मौके पर रवाना हुए जहॉ उन्होने अमरसिंह के बोले अनुसार शुन्य पर मर्ग कायम किया जाकर मृतक कचरूलाल के शव का नक्शा पंचायतनामा तैयार कर मृतक कचरूलाल के शव का परीक्षण हेतु सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खातेगॉव पर भेजा गया,
शव परीक्षण के उपरांत मोमिन अंसारी ने दिनांक 16.08.2017 को 14ः00 बजे घटना स्थल पर जहॉ शव मिला था, उसका नक्शा मौका तैयार किया तथा घटनास्थल से खून आलूदा एवं सादी मिटटी उठाकर अलग अलग दो प्लास्टिक की डब्बिया में सीलबंद करके थाने पर आये और उन्होने अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा 302 व 201 भा.द.वि. के आरोप में अपराध 833/17 दिनांक 16.08.2017 को पंजीबद्ध किया गया, अनुसंधान निरिक्षक तहजीव काजी ने अनुसंधान के दौरान साक्षी अमरसिंह, प्रभुदयाल, राजेन्द्र, कविता एवं रामवतीबाई तथा रामनिवास, श्रीराम के कथन उनके बोले अनुसार लेखबद्ध किये,
तहजीव काजी ने दिनांक 20.08 2017 को आरोपी चिन्ताबाई व दीपक को गिरफतार किया गया,
उसके पश्चात आरोपी चिन्ताबाई से पूछताछ के दौरान चिन्ताबाई ने यह जानकारी दी की वह रस्सी व डंडा मैने घर के पास बागड मे छिपाकर रखा है, तथा उस दिन मैने जो साडी पहनी थी, वह साडी मैने गोदरेज में छिपाकर रखी है, जिसमें खून के धब्बे लगे हुए है चलो चल कर बता देती हूॅ, आरोपी चिन्ताबाई के बताये गये स्थान से एक साडी खून आलूदा तथा अमरसिंह के बाडे की बागड में एक बांस का डंडा व एक कपडे की गुथी हुई रस्सी जप्त किये, तथा आरोपी दीपक से पूछताछ के दौरान उसने जो बनियान पेट पहना था वह गोदरेज की अलमारी में रखा है, तथा अंगौंछे से मैंने वह पुरोनी तिकवाडा रोड नाली में गाड दिया है, आरोपी के बताये गये स्थान से हल्का आसमानी रंग का अंगोछा मिटटी व खून लगा साढे पांच फीट लंबा और लगभग दो फिट चौडा तथा घर की अलमारी में एक आसमानी रंग की सेंडो बनियान खून आलूदा जप्त किये गये, प्रकरण से संबंधित सभी वस्तूएं जॉच के लिए भेजी गई तत् पश्चात अनुसंधान पूर्ण होने पर चालान जे.एम.एफ.सी. न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, प्रकरण का विचारण माननीय अपर सत्र न्यायालय का होने से वहॉ उपार्पित किया गया, बचाव पक्ष ने आरोपो को अस्वीकार करते हुए विचारण चाहा,तथा उक्त अपराध में झुठा फसाना बताया गया, अभियोजन युक्ति युक्त संदेह से प्रमाणित करने में सफल रहा की आरोपीगण ने मृतक कचरू की अंगोछे तथा रस्सी के फंदे से गला घोंटकर व लकडी से मारपीट कर हत्या कारित की है, उसके पश्चात दण्ड से बचने के लिए मृतक कचरू के शव को घसीटकर एक तरफ पटक दिया व हत्या में प्रयुक्त अंगोछा रस्सी डंडे को छिपा दिया था तथा कठोर कठोर से दण्ड देने को निवेदन किया,
समस्त साक्ष्य निर्धारण के पश्चात माननीय अपर सत्र न्यायाधीश अपने निर्णय में प्रतिपादित किया की मामला विरल से विरलतम नही है आरोपीगण ने अपने पति/चाचा की हत्या अवैध संबंधो की वजह से की है,
यदि आरोपीगण को कम दण्ड से दण्डित किया गया तो समाज पर विपरित असर पडेगा तथा आरोपीगण को प्रोत्साहन मिलेगा, तत् पश्चात आरोपीगण के द्वारा किया गया कृत्य के सापेक्ष व सामाजिक प्रभाव आदि पर विचार करते हुए अभियुक्त को धारा 302 भा.द.वि. में दोषी पाते हुए आरोपी चिंताबाई पति स्व. कचरूलाल उम्र- 35 वर्ष एवं दीपक पिता भंवरसिंह उम्र- 25 वर्ष निवासी ग्राम पुरोनी थाना खातेगॉव जिला देवास को सश्रम आजीवन कारावास एवं 5,000-5,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया,
राज्य शासन की और से पैरवी अपर लोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने की।

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