देवास। हनीट्रैप में फंसाकर युवाओं से रुपए ऐंठने का एक बड़ा मामला सामने आया है। देवास जिले की पीपलरावां थाना पुलिस ने हनीट्रैप का षणयंत्र रचकर युवाओं को फंसाने वाली गैंग को पकड़ने में सफलता पाई है। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित युवक ने आरोपियों की 50 हजार की मांग पूरी करने में असमर्थता जताई तो उससे मोबाइल 3 हजार रुपये और बाइक आरोपियों ने लूट ली। गैंग के सदस्य पीड़ित युवकों का आरोपी युवती के साथ वीडियो भी बनाते थे। पीड़ित युवक ने पुलिस थाने पहुंचकर आप बीती सुनाई तो पुलिस ने सभी आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से धर दबोचा। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में इस तरह की चार वारदातों को अंजाम देना क़बूल किया है।
संभवतः देवास जिले में हनीट्रैप का यह पहला मामला सामने आया है। आपको बता दें आरोपी युवती देवास के त्रिलोकनगर की रहनेवाली है और जंजीरवाला चौराहा इंदौर स्थित आईडिया कॉल सेंटर में काम करती थी। कॉल सेंटर में आने वाली शिकायत और समस्याओं की कॉल के दौरान युवाओं के नम्बर सिलेक्ट कर लेती थी। फिर वह उनसे मीठी-मीठी बातें कर अपने जाल में फंसाकर उनसे मुलाकात तय करती थी। अधिंकाश मामलों में युवाओं को सोनकच्छ क्षेत्र में बुलाया जाता, फिर वह अपने बॉयफ्रेंड सहित 5 साथियों के साथ मिलकर युवाओं से रुपये ऐंठे जाते थे।
देवास SP अनुराग शर्मा ने पत्रकारवार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी युवती ममता उर्फ मोनिका ने अपने बॉयफ्रेंड पोपसिंह पिता जोरावर सिंह के साथ मिलकर हनीट्रैप की योजना बनाई। फिर उसने कॉल सेंटर पर कॉल करने वाले बागली थानाक्षेत्र के ग्राम पोलाय में रहने वाले फरियादी सुरेश पिता प्रह्लाद से मीठी मीठी बातें कर उसे अपने प्रेमजाल में फंसाया। प्रेमभरी बातों के बीच उनकी मिलने की डेट फिक्स हो गई। 12 नवम्बर को सुरेश को मिलने के लिये पुष्पगिरी के समीप सोनकच्छ बुलाया। वहां दोनों की मुलाकात हुई। आरोपी युवती ने सुरेश से कहा कि पास ही इकलेरा में उसकी फ्रेंड रहती है। उसके यहां एक कार्यक्रम में होकर आते हैं।
फिर दोनों सुरेश की बाइक पर सवार होकर चौबारा होते हुए इकलेरा की ओर रवाना हुए। युवती का बॉयफ्रेंड पोपसिंह दोनों की रैकी करके अपने अन्य साथी, कृतिपाल उर्फ सोनू पिता देवराज निवासी पीपलरावां, अर्जुन पिता दयाराम निवासी सुरजना, राजेश पिता चुन्नीलाल निवासी निवासी कुंडियाधागा जिला सीहोर, श्याम पिता गोपाल निवासी किंदुरिया को जानकारी देता रहा।
जैसे ही सुरेश आरोपी युवती को बाइक में बिठाकर जीवजीगढ़ और इकलेरा के बीच सुनसान रास्ते से गुजर रहा था, तभी अन्य चारों आरोपियों ने उसे घेर लिया। आरोपी राजेश ने कहा तू मेरी औरत को लेकर कहाँ जा रहा है, यह कहते हुए सुरेश के साथ मारपीट करते हुए उसे कालीसिंध नदी की तरफ ले गए और उसका लड़की के साथ वीडियो भी बनाया। उसके बाद आरोपियों ने पुलिस थाने में बलात्कार की रिपोर्ट लिखाने का डर दिखाया और समझौते की बात करने लगे। आरोपियों ने सुरेश से कहा की अपने घरवालों को फोन कर 50 हजार रुपये बुलवाओ, जब सुरेश ने उनकी मांग पूरी करने में असमर्थता जाहिर की तो आरोपियों ने उसका मोबाइल, तीन हजार नकदी और बाइक लूट ली।
फरियादी सुरेश हिम्मत जुटाकर पिपलरावां थाने पंहुचा और आपबीती सुनाई। पुलिस ने धारा 394, 294, 34 में अपराध पंजीबद्ध कर लिया। SP अनुराग शर्मा के निर्देशन में ASP अनिल पाटीदार व SDOP कुलवंत सिंह के मार्गदर्शन व थाना प्रभारी सुनील यादव के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। जिसे लुटेरी गैंग को धर दबोचने की जिम्मेदारी दी गई। पुलिस टीम ने मुखबिर तंत्र लगाकर अलग-अलग स्थानों से सभी आरोपियों को धर दबोचा। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने इस तरह की चार वारदातों को अंजाम देना क़बूल किया है। हालांकि अभी तक पूर्व में इस गैंग का शिकार हुए अन्य लोगों में से कोई अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने नहीं पहुंचा है।
इस गैंग को सफलता पूर्वक धर दबोचने वाली पुलिस टीम में प्रमुख रूप से SI दीपक काम्बले, ASI एसएस ओसारी, RC पोरवाल, प्रधान आरक्षक कमल, मनोज, विकास पटेल, आरक्षक यूनुस, देवेंद्र, अरविंद, सूर्यान्शी व रीना भावर शामिल थीं।