पार्षदों की निश्क्रियता बनेगी विधायको की हार का कारण…
रहवासी संगठनों की अवहेलना भी पडेगी भारी
आनंद जैन इंदौर। विधानसभा चुनाव के आते ही मतदाता भी सक्रिय हो गए है।5 साल का बहीखाता खोलकर वे इस बार हिसाब किताब चुकता करने के मुढ में नजर आ रहे है। क ई विधायक उनके राडार पर मपने वाले है।कारण 5 वर्षों में किऐ गए सही व गलत कार्य ।चाहे वह उन्होंने ने किए या उनके पार्षदों ने किए ।उसका खामियाजा इन विधायकों को भुगतना पडेगा जो वोट मागने मतदाताओं के पास जा रहे है। कई रहवासियों का मानना है कि छोटे-छोटे कार्यों के लिए पार्षदों ने जो हमें चक्कर लगवाए है।वे अब इन नेताओं को चक्करघीनी करने के लिए काफी है। रहवासी संगठनों का यह भी कहना है कि हमारे क्षेत्र की अवहेलना करना इन पार्षदों की आदत बन गई है। वे हमसे काम तो दूर सीधे मुह बात भी नहीं करने को तैयार रहते है।पानी से लेकर डेनेज लाइन,साफ सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट के लिए दिन रात इनके आगे पिछे घुमने के बाद भी काम न होना यह जताता है कि नेता अब हमपर भारी हो गया है। वे मतदाताओं को हल्का समझने की भुल कर बैठे है।जो इस विधानसभा चुनाव में भारी पडने वाली है।विधायकों के कार्यो को अमली जामा पहनाने में पार्षदों की अहम भुमिका रहती है। लेकिन वर्तमान पार्षदों का अपने आप में विधायक से कम नहीं समझना मतदाताओं को रास नहीं आ रहा है। छोटे मोटे कामों की नजर अंदाजी संकट का कारण बनेगी। रहवासियों ने यह भी मन बना लिया है कि विधायकों का बहिष्कार करेगे। अगर यह नहीं कर सके तो मतदान के दीन हिसाब चुकता करेगें। कई विधायकों की विधायकी इस बार इन दागी व निष्क्रिय पार्षदों के कारण जाने वाली है। इस बार मतदाताओं की अवहेलना भी भारी पडेगी चुनाव में।
पार्षदों की निश्क्रियता बनेगी विधायको की हार का कारण…
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