कलेक्टर की अध्यक्षता में निर्वाचन व्यय के संबंध में संलग्न टीमों का प्रशिक्षण सम्पन्न

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देवास-कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय की अध्यक्षता में विधानसभा निर्वाचन-2018 में निर्वाचन व्यय संबंधी मामलों की मॉनिटरिंग एवं कार्यवाही हेतु गठित टीमों के अधिकारियों/कर्मचारियों का बुधवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में जिला पंचायत के सीईओ राजीव रंजन मीणा‍ विशेष रूप से मौजूद थे। मास्टर ट्रेनर डॉ. अजय काले, डॉ. एसपीएस राणा तथा तथा डॉ. समीरा नईम ने निर्वाचन व्यय संबंधी मॉनिटरिंग कार्य में संलग्न टीमों को प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. श्रीकान्‍त पाण्डेय ने कहा कि सहायक व्यय प्रेक्षक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की सभी टीमों एफएसटी, वीएसटी, वीवीटी, लेखा दल, व्यय मॉनिटरिंग सेल, एमसीएमसी आदि के बीच समन्वय सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सहायक व्यय प्रेक्षक दूसरी सभी टीमों के अधिकारियों/कर्मचारियों के मोबाइल नंबर अपने पास रखे तथा अपना नंबर सभी टीमों को प्रदान करें। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने निर्वाचन व्यय की मॉनिटरिंग व नियंत्रण कार्य में संलग्न सभी टीमों को सूचना मिलने पर तुरंत कार्यवाही करने तथा रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए 28 लाख रुपए की निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन व्यय में संलग्न टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में निर्वाचन से संबंधित जुलूस, सभाओं, रैलियों आदि पर बारीकी से नजर रखे तथा निर्वाचन कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराएं। प्रत्येक खर्चे का साक्ष्य भी रखे और जब अभ्यर्थी अपने खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करे तो अपने पास मौजूद साक्ष्यों से मिलान करें।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजीव रंजन मीणा ने कहा कि प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन व्यय का दैनिक लेखा-जोखा रखना होगा तथा उसको बैंक या पोस्ट ऑफिस में अलग से एक खाता खुलवाना होगा। निर्वाचन संबंधी सभी व्यय इसी खाते से किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी को प्रत्येक तीन दिन के अंतराल पर अपने निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा लेखा दल को प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बताया कि स्टार प्रचारक की सभाओं में यदि अभ्यर्थी का नाम बैनरों पर लिखा है अथवा अभ्यर्थी मंच पर बैठता है तो उस सभा का खर्चा अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जाएगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मीणा ने कहा कि आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायतें प्राप्त होती है अथवा कही मतदाताओं को प्रलोभित किए जाने की शिकायत आती है तो संबंधित टीम शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करेगी और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए अनैतिक साधनों के प्रयोग पर नियंत्रण लगाएंगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा अपने निर्वाचन व्यय का दैनिक लेखा-जोखा लेखा टीम को प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो निर्वाचन आयोग अभ्यर्थी को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एमसीएमसी से बिना प्रमाणीकरण के कोई भी विज्ञापन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल चैनल, रेडियो, ई-पेपर आदि पर प्रसारित नहीं किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए यदि अभ्यर्थी द्वारा खर्च किया जा रहा है तो वह भी निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा।
प्रशिक्षण के प्रारंभ में मास्टर ट्रेनर द्वारा निर्वाचन व्यय में संलग्न टीमों के दायित्वों के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा के लिए एक-एक सहायक व्यय प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं। सहायक व्यय प्रेक्षक प्रतिदिन एक दैनिक रिपोर्ट व्यय प्रेक्षक को प्रस्तुत करेंगे। प्रशिक्षण में सहायक व्यय प्रेक्षक के दायित्वों को विस्तार से अवगत कराया। इसके अलावा वीएसटी, वीवीटी, एफएसटी, शिकायत अनुवीक्षण कक्ष और काल सेंटर, एमसीएमसी एवं पेड न्यूज, एसएसटी, व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ, व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र एवं व्यय संवेदनशील पॉकेट आदि के बारे में विस्तार से समझाइश दी।
प्रशिक्षण में अधिकारियों/कर्मचारियों की शंकाओं का समाधान किया गया तथा निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी निर्वाचन आयोग के निर्देशों को अच्छी तरह से पढ़ लें तथा निर्वाचन आयेाग के निर्देशानुसार अपने-अपने क्षेत्र में कार्यवाही सुनिश्चित करे। यदि कोई कठिनाई तो प्रशिक्षण में ही उसका समाधान कर लें।

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