चुनावी पम्पलेट पर मुद्रक प्रकाशक का नाम जरूरी।

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देवास। अगले महीने विधानसभा के चुनाव है। चुनावी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। आदर्श आचरण संहिता लागू है। जिसका पालन सभी की जिम्मेदारी और कर्तव्य है। ऐसे में नियमों की जानकारी होना भी महती जरूरी है। इसीलिए निर्वाचन आयोग ऐसी समस्त जानकारियों के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं कर रहा जिनका जानना लोगों के लिए अत्यंत जरूरी है। इसी श्रृंखला में चुनावी पोस्टर और पम्पलेट प्रकाशन के जरूरी नियम भी बताए गए।
आओ आपको बताते है पम्पलेट और पोस्टर प्रकाशन में ध्यान रखने योग्य बातें..

  1. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने बताया ‍कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) के उपबंधों के तहत पैम्प्लेट, पोस्टरों आदि के मुद्रण से संबंधित उपबंधों को विनियमित किया गया है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पैम्प्लेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवाएगा जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम व पता ना लिखा हो।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पैम्प्लेट अथवा पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवाएगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हों द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डूप्लीकेट में मुद्रक को ना दिया जाए तथा जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की एक प्रति के साथ घोषणा की एक प्रति ना भेजी जाएं। कोई भी व्यक्ति जो उक्त उपबंधों का उल्लंघन करता है तो वह छ: महीने तक कारावास अथवा जुर्माना जिसे दो हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है, अथवा दोनों से दंडनीय होगा।

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