प्रिन्स बैरागी–मध्यप्रदेश के आगर जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर ओर प्रसिद्ध तंत्र साधना स्थल माँ बगलामुखी माता नलखेड़ा से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चमत्कारिक माँ हिंगलाज माता का देव स्थान जहाँ पानी से दिए जलते है…
कालीसिंध नदी के किनारे स्थित माता के इस मंदिर में होने वाले चमत्कार को देखकर किसी भी व्यक्ति का सिर सहज ही श्रद्धाभाव से झुक जाएगा। इस मंदिर में दीपक जलाने के लिए किसी घी या तेल की आवश्यकता नहीं होती वरन वह पानी से जलता है। मंदिर में होने वाले इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।हिंगलाज माता के नाम से प्रचलित होने के अलावा भक्त लोग माता को गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से भी विख्यात यह मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे नलखेड़ा गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर गाड़िया गांव के पास स्थित है। मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिद्धूसिंह जी के अनुसार पहले मां के दरबार में हमेशा तेल का दीपक जला करता था। परन्तु आज से लगभग पांच वर्ष पूर्व उन्हें माता ने स्वप्न में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा।
सुबह उठकर जब उन्होंने पानी से दीपक जलाया तो वो जल गया, तब से आज तक इस मंदिर में कालीसिंध नदी के पानी से ही दीपक जलाया जाता है। माता के इसी चमत्कार को देखने के लिए आज लोग दूर-दूर से आते हैं और मां के चरणों में शीश नवाते हैं।कहा जाता है कि वर्षा के समय यह मंदिर लगभग पानी मे डूब जाता है और इस दौरान मन्दिर में किसी का भी आना जाना नही हो पाता है।वापस बारिश खत्म होने के बाद ही मन्दिर में माता के दर्शनों का सिलसिला पुनः शुरू हो जाता है।
नवरात्री के पावन अवसर पर यह भक्तो का जैसे मेला से लगा रहता हैऔर हर कोई अपनी मुराद पूरी करने माँ के चरणों मे शीश झुकाने आता है।
इस विशेष जानकारी में आगर निवासी मुकेशजी विश्वकर्मा का सराहनीय योगदान रहा।