तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओ ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई।

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प्रिन्स बैरागी

देवास/नेमावर-देवास-मध्यप्रदेश के देवास जिले के अंतिम छोर पर बसा नेमावर जहाँ सर्व पितृ अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। यहाँ प्रतिवर्ष श्राद्ध पक्ष की अमावस्या की रात नर्मदा किनारे ‘भूतों का मेला’ लगता है. यह मेला चौदस की रात से अमावस्या की सुबह तक चलता है.मान्यता है कि इस दिन नर्मदा नदी का जल चमत्कारी हो जाता है. इसमें स्नान करने से यहां आए लोगों की बाहरी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस दौरान देर रात का नजारा बेहद डरावना होता है.दरसअल, नेमावर में सर्वपितृ अमावस्या के मौके पर लगने वाले मेले में इस बार लगभग तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शिरकत की. देवास जिले के अंतिम किनारे पर नर्मदा नदी तट पर बसा नेमावर का अपने आप मे स्लग ही महत्व है । कहा जाता है कि यह स्थान धार्मिक आस्थाओं का केंद्र है अमावस्या  होने के कारण लोगों ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई. चौदस की रात से अमावस्या की सुबह तक नर्मदा के घाटों पर प्रेत बाधा से पीड़ित लोगों का जमावड़ा लगा रहा.यहां सब लोग पड़िहारों (देव) से अपना इलाज कराते रहे. नर्मदा के पानी में खड़े होकर ग्रामीण भाषा में पड़िहार लोगों को तकलीफों को सुनाते रहे. वहीं, कई महिलाएं प्रेतबाधा से पीड़ित होकर पानी और कीचड़ में लौटती रहीं.यहां आने वाले ग्रामीणों ने बताया कि इस दिन सभी की तकलीफें दूर हो जाती हैं. वहीं, यहां आने वाले युवा भी इस परम्परा से प्रभावित दिखे.जिला प्रशासन ने 1दिवस पूर्व से ही व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त कर ली थी।साथ ही चौबीस घण्टो के लिए मुख्य मार्ग लगभग बन्द कर दिया जाता है ताकि पर्व के दौरान किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा नही हो।पुुलिस प्रशासन सहित तमाम आला  अधिकारी मेले में घूम

कर स्थिति पर नजर रखे हुए थे।

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