देवास/खातेगांव-अपर सत्र न्यायाधीश श्री मनोज तिवारी के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्रमांक 150/2017 म.प्र. राज्य द्वारा आरक्षी केन्द्र खातेगॉव विरूद्ध उमेश में आरोपी उमेश पिता श्रीनारायण निवासी श्रीनगर किशनपुर थाना खातेगॉव को विभिन्न धाराओ में में दोषी पाते हुए 33 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15,000/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। घटना का संक्षिप्त विवरण :- अपर लोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने बताया की अभियोक्त्री ग्राम किशनपुर में रहती है तथा मजदूरी करती है वह दिनांक 28.04.2017 का को दिन में नदी पर नहाने गई थी तभी 02 बजे दिन के लगभग श्रीनगर का रहने वाला आरोपी उमेश मिला जो एकदम से वहॉ आया तथा अभियोक्त्री को बुरी नियत से पीछे से पकड लिया और बोला की चल आगे नही तो जान से खत्म कर दूगां तब अभियोक्त्री ने जाने से मना किया तो आरोपी ने जान से मारने की नीयत से पत्थर उठाकर उसके सीर पर पटक दिया जिससे अभियोक्त्री को चोटें आई उसके बाद आरोपी ने अभियोक्त्री को पत्थर पर पटक पटक कर हाथ मुक्को से मारा जिससे उसकी बाईं ऑख व मुॅह पर चौंटे आई तथा वह बेहोश जैसी हो गई इस दौरान आरोपी ने उसकी इच्छा के विरूद्ध गलत काम(बलात्संग) किया और वहॉ से भाग गया। उसके बाद अभियोक्त्री की पुत्री मौके पर पहुॅची उसे वहॉ से घर लेकर आई और अपने पुत्र को फोन पर घटना बताई उसके बाद अभियोक्त्री के पुत्र ने 100 नं. पर डायल किया उसके पश्चात मौके पर पुलिस आई और अभियोक्त्री को अस्पताल लेकर पहुॅची और उसका ईलाज करवाया गया अभियोक्त्री का मेडीकल परिक्षण कराया गया इस पर से पुलिस थाना खातेगॉव पर अपराध क्र. 380/17 धारा 307, 376(1), 376(2)(एन) एवं 506 भा.द.वि. आरोपी उमेश के विरूद्ध कायम किया जाकर प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायलय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर से माननीय अपर सत्र न्यायालय में सत्र प्रकरण 150/2017 दर्ज किया। आरोपी द्वारा उसके विरूद्ध लगाये गये अपराधो को अस्वीकार किया जाकर प्रकरण का विचारण चाहा गया। न्यायालय में तमाम साक्षीयो का साक्ष्य परिक्षण किया गया और अभियोजन ने अपने प्रकरण को न्यायालय में साक्षीयो के माध्यम से प्रमाणित किया।आरोपी द्वारा अभियोक्त्री जब नहाने व कपडे धोने नदी पर गई थी तब दोपहर के समय आरोपी ने साशय क्रूरतापूर्वक मानवता के विपरित व उसकी ईच्छा के विरूद्ध उसके साथ जबरदस्ती बालात्संग किया गया था तथा उसे अभियोजन की ओर से मृत्यू दण्ड से दण्डित किये जाने बाबद् न्यायालय से निवेदन किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश मनोज तिवारी ने अपने निर्णय में प्रतिपादित किया की आरोपी द्वारा घटनाक्रम को बडे ही क्रूरतापूर्ण तरीके से अंजाम दिया तथा इस प्रकार की घटनाएॅ महिलाओ के साथ लगातार बढ रही है, यदि ऐसे आरोपी को कम दण्ड से दण्डित किया गया तो समाज पर विपरित असर पडेगा व आरोपी को प्रोत्साहन मिलेगा तथा इन सभी परिस्थितियों में उद्देश्य परक दण्ड देना आवश्यक है, इस प्रकार आरोपी उमेश पिता श्रीनारायण निवासी श्रीनगर किशनपुर थाना खातेगॉव को दोषी पाते हुए धारा 307 भा.द.वि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 376(1) भा.द.वि. में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 506 भा.द.वि. में 3 वर्ष का सश्रम कारावास इस प्रकार आरोपी को कुल 33 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। दोषी पाये गये आरोपी को कारावास की मूल सजाएॅ एक के बाद एक भुगताई जावेगी। आरोपी को जैल वारंट बना कर जैल भेजा गया। षासन की और से पैरवी अपर लोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने की