जो निंदा को पी जाता है वह शिव कहलाता है -पंडित शास्त्री* *भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों का हुआ चित्रण*

643 Views

*जो निंदा को पी जाता है वह शिव कहलाता है -पंडित शास्त्री*
*भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों का हुआ चित्रण*

*सेंधवा* -आजकल लोग काम करने में विश्वास नही रखते है काम के लिए नोकर लगा कर कार्य करवाने लगे है अब तो पूजा पाठ के लिए भी पुजारी को नोकरी पर रखने लगे है । जब तक हम अपना काम अपने हाथों से नही कर लेते हमें संतुष्टि नही मिलती तो फिर पूजा पुजारी से कराने में भगवान को कैसी संतुष्टि मिल सकती है इस लिए पूजा अर्चना का कार्य स्याम को करना चाहिए । जब ही पूरा पुण्य मिल सकता है इसमे पुजारी की मदद ले सकते है। उक्त वचन श्रीमद्भागवत कथा वाचक पंडित कन्हैयालाल शास्त्री ने ग्राम गोई में कथा के अंतिम दिन व्यक्त किये ।
पंडित शास्त्री ने कहा कोई भी काम करिए लोग उसमें दोष निकल कर निंदा करते है ये मानव का स्वभाव है उस पर ध्यान नही देना चाहिए । जो निंदा को पी जाता है वही शिव कहलाता है ।हरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो तेरा सुदामा करीब आ गया है ……. न सर पर पगड़ी न तन पर जामा…… के भजनों से सुदामा कृष्ण का मिलाप का व्यख्यान किया गया ।जब सुदामा को द्वार पर देखा भगवान उन्हसे मिलने नंगे पैर दौड़ कर उन्हें गले गलाया। उनकी हालत देख कुबेरजी को आदेश देकर उनकी कुटिया को विशाल मंदिर बनवा दिया । इस लिए कहते है कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नही । उस पर विश्वास रखे । सबका कल्याण होगा। भागवत कथा को सुनना ही नही अंदर भी उतारना चाहिए । अपने जीव को स्वच्छ जल के समान होना चाहिए तभी मानव को मोक्ष प्राप्त होता है अन्यथा वह कई योनियो में भटकता रहा है। जो सुख भोगता है उसे दुःख भी भोगना ही पड़ता है । आज सुख को भोग विलासी का साधन है किंतु उनकी आत्मा को शांति नही मिलती है जब आत्मा को शांति मिलेगी उस समय मानो की आपको सुख की प्राप्ति मिली है ।कथा मनोरंजन का साधन नही है, कथा पैसे कमाने का भी साधन नही है, कथा पुण्य व मोक्ष का साधन है । कथा के अन्तिमदिन रासलीला के साथ फूलों की होली भी खेली गई । कथा के यजमान व्यवसायी चेतन अग्रवाल, हेमन्त अग्रवाल, अमर अग्रवाल ने पूजन कर आरती की। कथा के अंतिम दिन इंदौर के पूर्व पार्षद अरविंद बागड़ी, बद्रीप्रसाद स्वामी, भीकुलाल अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, जगदीश शर्मा, रामनारायण स्वामी, रमेश जाट, शंकर शर्मा, के साथ बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »