देवास/खातेगांव-सभी धर्म शास्त्रों में अनादि काल से ही ईश्वर की महिमा का वर्णन किया गया है, ईश्वर की अनुभूति प्राप्त करने के उदेश्य से अनेकानेक धर्म सम्प्रदाय में मानव समाज बटा है।जबकि सभी धर्म शास्त्रों में यह वर्णन है कि ईश्वरीय शक्ति सर्व व्यापक है और सम्पूर्ण चराचर जगत के समस्त प्राणियों का जीवन आधार है,उसका अनुभव सभी संत महात्माओं ने अपने ह्रदय में किया। वर्तमान मे यदि हम समस्त मानव जाति सुख शांति या आत्म कल्याण को चाहते हैं तो हम सबकों भी अपने ह्रदय में ही ईश्वर दर्शन करना होगा,ईश्वर दर्शन से ही मन की शांति और आत्म कल्याण को मानव प्राप्त करता है। यह बात अखिल भारतीय सामाजिक व आध्यात्मिक संस्था मानव उत्थान सेवा समिति की शाखा पुरोनी द्वारा आयोजित मासिक सत्संग समारोह के दौरान सतपाल महाराज की परम शिष्या महात्मा कौशलबाई ने कहते हुए कहा कि मन ही मनुष्यों के बंधन और मोक्ष का कारण है और मन को वश में करने का साधन तत्वज्ञान। इस अवसर पर उपस्थित संत सुभ्राबाई व जयंती बहन ने भी भजनो के माध्यम से आत्म कल्याणकारी विचार रखे।इस मौके पर जनपद अध्यक्ष गुलाबबाई टाडा, भाजपा पिछड़ा वर्ग मडण्ल अध्यक्ष रमेशचंद राठोर,भगतराम रौहीला,छगनभाई आदि बड़ी संख्या मे धर्म प्रेमियों ने संतो के विचारो से लाभ प्राप्त किया। समिति के कमलसिंह ने संचालन किया व जगदीशभाई ने आभार व्यक्त किया ।
सत्संग से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है…सत्संग मे कोशलबाई।
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