कलेक्टरेट में अवैध स्टैंड?
आनंद जैन
इंदौर-जहां शहरभर के लोग अपनी परेशानी को हल कराने के लिएआते है । वहीं दूसरी और वह खुद ही अवैध स्टैंड से परेशान है। प्रशासनिक संकुल में भी अवैध स्टैंड चल रहा है, जिसे कलेक्टर भी हटवा नहीं सके! शिकायत की गई थी कि ये स्टैंड निर्धारित स्थान पर नहीं है और इससे अवैध वसूली होती है। इस स्टैंड को लेकर की गई शिकायत पर प्रशासन को करीब छह माह बाद जवाब मिला है! जबकि, पार्किंग का इस साल का ठेका समाप्त होने में तीन महीने का समय बचा है।
प्रशासन को मिले इस जवाब से स्पष्ट हुआ कि प्रशासनिक संकुल का पार्किग स्टेंड प्रशासनिक कार्यालय के आसपास नहीं, बल्कि गंजी कम्पाउण्ड में और भवन के नीचे तल मंजिल पर स्थान दिया गया हेै। नियत स्थान पर पार्किग नहीं होने से भारी वसूली की शिकायत कलेक्टर इंदौर को गई थी। कलेक्टर कार्यालय और पंजीयन कार्यालय के आसपास जो पार्किग स्टेंड संचालित होता हेै जो नियमों के विरूद्व है। स्टेंड संचालक और उनके कर्मचारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली और अधिकारियों की नजरों में संचालित अवैध पार्किग स्टेंड को लेकर पहले वकीलों ने विरोध जताया था और कोर्ट जाने की धमकी दी थी। इसके बाद जागरूक उपभोक्ता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश अमोलिया ने कलेक्टर को इसकी शिकायत की थी। अवैध पार्किग स्टेंड के मुददे पर वकील कोर्ट तो नहीं गए मगर अमोलिया की शिकायत पर एडीएम केैलाश वानखेडे को कलेक्टर ने जांच का जिम्मा सौंपा था।
शिकायत पर एडीएम वानखेडे ने पार्किग स्टैंड संचालक को नोटिस जारी किया और कलेक्टर कर्मचारियों की सोसायटी से जवाब मांगा जो कि पार्किग स्टैंड का हर साल ठेका देती है। शिकायत की गम्भीरता को अधिकारियों ने नहीं समझा और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यहां तक जांच के लिए जारी नोटिस पर जबाव भी करीब छह माह बाद आया। इधर जांच में यह साबित हो गया है कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में संचालित पार्किग अवैध है। इसके बाद भी प्रशासन कार्रवाही करने से बच रहा हेै। कलेक्टर कर्मी के परिवार नाम से ही यह पार्किग का ठेका है।
प्रशासनिक संकुल और सेटेलाइट भवन की पार्किग को लेकर जो तथ्य सामने आए है उसके अनुसार गंजी कंंपाउण्ड में टू और फोर व्हीलर के पार्किग स्टैंड है। इसके अलावा प्रशासनिंक संकुल के तल मंजिल पर पार्किग के लिए स्थान नियत किया गया है। लेकिन, यहां वाहन पार्क होते ही नहीं है। ठैकेदार ने कलेक्टर के मेनगेट के दाहिनी ओर पैसेज में ग्राउण्ड,सेटेलाइट भवन के सामने ओर नये केटीन के पास पार्किग संचालित की जाती हेै।
ऐसे में समझा जा सकता है कि पार्किंग स्टैंडों को लेकर शहर की तरह दबाव की राजनीति चलती है।