
आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक का आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर में विशेष संवाद
पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्रों के अखबार का लोकार्पण
भोपाल। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि सोशल और डिजिटल मीडिया लोकप्रिय तो हैं पर लोग भरोसा प्रिंट मीडिया पर ही करते हैं। वे यहां आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के द्वारा ‘मास्टरिंग द आर्ट ऑफ़ प्रिंट, रिपोर्टिंग, एडिटिंग, एंड डिजाइनिंग इन द मॉडर्न न्यूज़रूम’ विषय पर एक संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ओमवीर सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ.मनीष जैसल उपस्थित रहे।
प्रो.द्विवेदी ने कहा कि डिजिटल मीडिया और मीडिया कन्वर्जेन्स ने न्यूज़ संगठन के काम को आसान कर दिया है। न्यूज़ चैनल्स डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से किसी भी खबर को जनता तक आसानी से और तेज़ी से पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाली दुनिया संचार की दुनिया है, जहाँ इनफार्मेशन डिजिटल हो जाएगी लेकिन प्रिंट का अस्तित्व खत्म नहीं होगा।
प्रो.द्विवेदी ने कहा कि लोग आजकल वीडियो और ऑडियो फॉर्मेट में अपनी भाषा में मनोरंजन और समाचार ग्रहण कर रहे हैं। इसलिए यह समय वीडियो,वायस और वर्नाकुलर (भारतीय भाषाओं)का है। एआई पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग इसे जॉब पर खतरा मानते हैं लेकिन एआई ने पिछले साल 4 लाख से अधिक रोजगार के अवसर भी दिए हैं । यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जाएगा। एआई के पास जानकारी तो है पर भावनाएं नहीं, इसलिए मौलिक काम करने वाले को इससे डरने की ज़रूरत नहीं है।
इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के छात्रों द्वारा तैयार किए गए तीन समाचार पत्र – मार्गदर्शन, नवदृष्टि और इंकवाणी – का विमोचन भी किया गया। छात्रों ने इन समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी लेखनी, कला और सोच का शानदार प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि ने इन प्रयासों की सराहना की और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समापन सत्र में छात्रों ने प्रो.संजय द्विवेदी से सवाल किए एवं अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर अंकित कात्यायन द्वारा किया गया, कार्यक्रम की संचालक मोहिनी सेंगर रही।
कार्यक्रम में असिस्टेंट प्रोफेसर निधि भंडारी, असिस्टेंट प्रोफेसर उपजीत कौर और छात्र छात्राएं मौजूद रहे।