बांग्लादेश में घुसते ही विदेश सचिव का तगड़ा ऐलान, हिल गए युनूस

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Bangladesh

ढाका। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ढाका में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की और देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सहित कई प्रमुख मुद्दे उठाए। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, मिस्री ने कहा कि उनकी चर्चा हाल के घटनाक्रमों पर केंद्रित थी, जिसमें सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर हमलों से जुड़ी घटनाएं भी शामिल थीं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि आज की चर्चाओं ने हम दोनों को (भारत-बांग्लादेश) संबंधों का जायजा लेने का अवसर दिया है। मैं अपने सभी वार्ताकारों के साथ स्पष्ट और रचनात्मक चर्चाओं की सराहना करता हूं। भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है।
मिस्री ने कहा कि चर्चा से भारत और बांग्लादेश दोनों को द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने का मौका मिला है। उन्होंने अपने सभी वार्ताकारों के साथ विचारों के स्पष्ट, स्पष्ट और रचनात्मक आदान-प्रदान के अवसर की भी सराहना की। मिस्री उनके और उनके समकक्ष बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन के बीच विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) में भाग लेने के लिए पड़ोसी काउंटी में थे, जो राज्य अतिथि गृह पद्मा में आयोजित किया गया था। मिस्री ने इससे पहले दिन में बांग्लादेश के विदेशी सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की।
यह बैठक हाल के दिनों में बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बीच हो रही है। अल्पसंख्यकों के घरों में आगजनी और लूटपाट और देवताओं और मंदिरों में तोड़फोड़ और अपवित्रता के मामले भी सामने आए हैं। 25 अक्टूबर को चटगांव में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के कारण विरोध प्रदर्शन हुआ। भारत ने 26 नवंबर को श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत ने बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।

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