आदिवासी समुदाय के लोगों को प्रशासन द्वारा जमीन से किया जा रहा बेदखल, राजस्व प्रशासन की कार्यवाही के विरोध में उतर जयस संगठन

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टिमरनी (संदीप अग्रवाल)।  नगर के शंकर शाह रेन बसेरा परिसर में जयस पदाधिकारी ने आदिवासियों के पक्ष में प्रेस वार्ता को संबोधित किया ,आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से जयस नेताओं ने बताया की शासन प्रशासन के द्वारा मध्य प्रदेश सहित हरदा जिले में भी आदिवासियों पर अत्याचार किया जा रहा है ,जनप्रतिनिधि नहीं दे रहे साथ ,जबकि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की टिमरनी विधानसभा से चुने हुए जनप्रतिनिधि आदिवासी समुदाय के लिए साथ खड़े नहीं हो रहे हैं।जयस संगठन के जिला अध्यक्ष राकेश काकोड़िया,सत्यनारायण सुचारु,कार्यकारी अध्यक्ष एवं जयस के वरिष्ठ सदस्य रमेश मर्सकुले ने बताया कि टिमरनी विकासखंड की रहटगांव तहसील अंतर्गत ग्राम अंधेरी खेड़ा में वर्षों से आदिवासी परिवार निवासरत है एवं शासकीय भूमि पर ही अपना खेती-बाड़ी कर जीवन पोषण कर रहे हैं किंतु गाहे बगाहे पूर्व में भी और वर्तमान में भी  राजस्व विभाग के द्वारा उन्हें उसे जमीन से अतिक्रमणकर्ता बताते हुए बेदखल किया जा रहा है एवं व्यक्ति विशेष को मुरूम खदान की लीज देने के चलते हटाया जा रहा है,  ग्रामीणों ने बताया की शासन के द्वारा हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया हम कई वर्षों से वहा निवासरत है, हमें वहां से जबरन हटाया जा रहा है।लगभग 4 एकड़ से अधिक टीले नुमा इस भूमि की खुदाई होने पर नदी का पानी बारिश में रहवासी क्षेत्र में भरायेगा।टिमरनी नगर में भी अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा स्वीकृत रेन बसेरा बनाया गया है जिसका लाभ दूरस्थ अंचलों से आने वाले आदिवासियों को नही मिल रहा है यहां नगर परिषद द्वारा अनाधिकृत रूप से कार्यालय संचालित किया जा रहा है इसे हटाया जाए,पूर्व में भी ऐसी ही अन्य आदिवासियों से सम्बंधित समस्याओं से जिलाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।जयस पदाधिकारीयो ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जन आंदोलन भी किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की रहेगी। एसडीएम महेश कुमार बडोले ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की ग्राम अंधेरीखेड़ा के तीन लोग अनाधिकृत रूप से शासकीय भूमि का उपयोग कर रहे हैं जिन्हें पूर्व से ही अन्य स्थान पर पट्टे दिए हुए हैं,नियमान्तर्गत उस शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है।
प्रेस वार्ता के दौरान जयस सचिव सन्तोष काजले,शैतानसिंह उइके,अनिल चौहान,शशि बाई काजले,सावित्री बाई पांसे सहित अन्य सदस्य एवं अँधेरीखेड़ा के आदिवासी लोग रहे मौजूद।

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