शरद पूर्णिमा पर हुआ विराट हास्य कवि सम्मेलन

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बड़ूद। सनावद समीप ग्राम बडूद में शरद पूर्णिमा के अवसर पर विराट हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ, जिसमें मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मुख्य अतिथि व सनावद थाना प्रभारी इंद्रेश त्रिपाठी विशेष अतिथि रहे। साथ में वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रघुवंशी, रामकिशन कुशवाह व जगदीश जोशी शामिल हुए।

कार्यक्रम का संचालन कवि कृष्णपाल सिंह ने किया। विष्णु विश्वास, राम शर्मा परिंदा, राजेश प्रजापत ने अपने हास्य से लोगों को ख़ूब गुदगुदाया व मुजीब अमन ने देश भक्ति व कवयित्री दीपिका व्यास ने अपने शृंगार गीतों से श्रोताओं को बांधे रखा।
मुख्य अतिथि डॉ. अर्पण जैन ने कहा कि ‘मैं हिन्दी का बेटा आज निमाड़ी माँ की गोद में आया हूँ, यह सुखद है कि अब निमाड़ के गाँव भी अपनी साहित्यिक समृद्धता को प्राप्त कर रहे हैं। कविता के माध्यम से देश और दुनिया में निमाड़ का नाम हो रहा है।’

थाना प्रभारी श्री त्रिपाठी ने कहा कि ‘पारस आपके गाँव से निकलकर कहीं ना कहीं पूरी दुनिया में अपने गीतों से जाने जाएँगे और ग्राम बडूद, प्रदेश व देश का नाम रोशन करेंगे।’
कवियों में पारस बिरला ने ‘कह दूँ मैं व्यथा उसकी उगाता है जो सोना, बिन उसके पेट में निवाला नहीं जाएगा। सर्द रात गर्म दिन में भी देखे वो ज़मीन, किसान बिन देश मेरा पाला नहीं जाएगा।’

शायर मुजीब अमन ने शेर सुनाया कि- ‘उसी ने जला के राख कर दी थी लंका को, जिस को रावण ने बंदर समझ कर छोड़ा था।’

भीकनगाँव के कवि कृष्णपाल सिंह राजपूत ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहता मेरे देश में आधुनिक चीज़ें और मोटर कार हैं, मेरे देश में वह है जो विदेशों में नहीं है, मेरे देश में संस्कार हैं।’

कवयित्री दीपिका व्यास ने पढ़ा कि ‘स्वप्न हुआ साकार है पाया शुभ फल ये सुखधाम है। हर्षित और उल्लसित है ये कण कण भारत धाम का। युगों प्रतीक्षा बाद ये अवसर आया है परिणाम का।
सजी अयोध्या बन गया मन्दिर सूर्यवंशी श्रीराम का।’
निमाड़ी हास्य कवि राजेश प्रजापत ने गुदगुदाते हुए गंभीरता से कहा कि ‘माँ-बाप बच्चों की परवरिश में पूरी ज़िंदगी काट देते हैं, वही बच्चे बड़े होकर माँ-बाप को बाँट लेते हैं।’
खाचरौद के कवि विष्णु विश्वास ने पुलिस पर कविता पढ़कर ख़ूब वाह वाह बटोरी। मनावर के राम शर्मा परिंदा ने भी श्रोताओं को ख़ूब हँसाया।

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