दूसरी कंपनी के कर्मचारी को काग़ज़ों में अपना दिखा कर लिया टेण्डर, आपत्ति हुई दर्ज
● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’
इंदौर। अब तक मेट्रो परियोजना के बारे में बड़ी ख़ामोशी से काम चल रहा था पर अब उसकी अनियमितता और मेट्रो ट्रेन में भी टेंडर घोटाला सामने आ रहा है, जिसमें अब तक आपत्ति भी मप्र मेट्रो ट्रेन कॉर्पोरेशन को दर्ज कराई गई है। लेकिन तीन माह से ज़्यादा समय इसमें बीतने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मेट्रो ट्रेन कॉर्पोरेशन ने भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिए ओपन लूप ईएमवी एनसीएमसी कार्ड और क्यूआर कोड आधारित स्वचालित किराया संग्रह एएफ़सी प्रणाली की डिज़ाइन, निर्माण, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग और रखरखाव का टेंडर निकाला था। इसमें भारत के साथ ही विदेशों की दो कंपनी ने भी भाग लिया था। लेकिन एक कंपनी तकनीकी बीड में ही बाहर हो गई थी। वहीं बची दो कंपनियों में सबसे कम कीमत 186.52 करोड़ रुपए की बीड एएसआईएस इलेक्ट्रॉनिक वे बीलीसीम सीस्टेम्लेरी ए.एस. ने डाला था। 23 फ़रवरी को फ़ाइनेंशियल बीड खुलने के बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इसे स्वीकार कर लिया था। लेकिन 26 फ़रवरी 2024 को एक शिकायत इस टेंडर में भाग लेने वाली दूसरी कंपनी एनईसी कॉर्पोरेशन ने मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी को की है। अपनी लिखित शिकायत में एनईसी कंपनी ने आपत्ति ली है कि एएसआईएस ने टेंडर के साथ जो दस्तावेज़ जमा किए हैं, उसमें लोकेश कुमार गुप्ता को अपनी कंपनी का की-पर्सन बताया है। साथ ही, उनकी पोस्ट डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर बताई है। जबकि लोकेश कुमार गुप्ता एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया प्रा. लि. के नियमित कर्मचारी हैं, और उनकी कंपनी में बीते 3.3 सालों से लगातार काम कर रहे हैं। और न ही उन्होंने नौकरी से इस्तीफ़ा दिया है और न ही वे नोटिस पीरियड पर हैं। जबकि शर्तों के मुताबिक इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए थी। इसे टेंडर शर्तों का उल्लंघन बताने के साथ ही कंपनी द्वारा ग़लत जानकारी देने का आरोप भी लगाया गया है।
नहीं हुआ टेंडर फ़ाइनल
टेंडर खुलने के कुछ समय बाद ही आचार संहिता लग गई थी, जिसके चलते टेंडर को फ़ाइनल नहीं किया गया था। आचार संहिता खत्म होने के बाद इसे फ़ाइनल किया जाना है।
हाँ, शिकायत आई थी। उसकी जाँच भी कर ली गई है। अभी हमने टेंडर फ़ाइनल नहीं किया है। आचार संहिता के बाद जब हम इसे फ़ाइनल करेंगे, उसी समय शिकायत का भी निराकरण करेंगे।
-शोभित टंडन, एमडी, मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन