राष्ट्र प्रथम की भावना ही लोगों में जरूरी – बिट्टा
गुरुद्वारों से आवाज़ उठनी चाहिए, देश पहले- बिट्टा
इन्दौर। देश के सभी गुरुद्वारा साहिब में से आवाज़ उठना चाहिए, देश पहले हो, चुप नहीं रहना चाहिए। और क्यों खालिस्तान की मांग करना, जबकि सरदारों के साथ हमेशा हिन्दू कौम जुड़ी रही, सब सम्मान करते है तो हमें भी सबके साथ आदर का भाव रखना चाहिए। और किस खालिस्तान को बनाने की लोग बात करते है, देश विरोधी ताकतें मजबूत क्यों हो रही, सरदार का नाम डर नहीं, ख़ौफ़ नहीं होता, वह बहुत मजबूत होता है। पंजाब को खालिस्तान वाली सोच से भी बाहर निकलना चाहिए। यह बात अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष जिंदा शहीद मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा ने प्रेस क्लब में कही।
‘प्रेस से मिलिए’ कायर्क्रम में एम एस बिट्टा का स्वागत प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, प्रेस क्लब कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, सचिव अभिषेक मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कोपरगांवकर, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ने किया।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान एम एस बिट्टा खालिस्तान बनाने की बात करने वालों पर ख़ूब गरजे और यह भी कहा कि खालिस्तान बनाओगे तो शीशगंज साहिब कहाँ लें जाओगे, हरमंदिर साहिब कहाँ लें जाओगे। क्या इन तीर्थों में केवल सिख ही आते है ? इन तीर्थों पर हिन्दू भी मत्था टेकता है और सिक्ख भी।
उन्होंने सिक्ख संगतों से यह भी आग्रह किया कि हर गुरुद्वारे से यह आवाज़ आएँ कि हम खालिस्तान नहीं चाहते, हम हिंदुस्तान में खुश है और पाकिस्तान के लोगों से कोई संबंध नहीं चाहते। बस यही बात देश को विदेशों में भी मजबूत करेगी। चुप रहना गुनाह है, सरदार कभी चुप नहीं रह सकते। आज भारत फिर से विश्व गुरु बन रहा है, भारत की तरक्की से अन्य देश भयभीत है, इसलिए जलन में ये खालिस्तान बनाने की बात करने वालों को फंडिंग करते है। हमें उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देना है। तिरंगे का सम्मान सबसे पहले होना चाहिए।
मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष है और युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ जिंदा शहीद के नाम से भी देशभर में जाने जाते है।
बिट्टा बोले, दिग्विजयसिंह जैसों लोगों ने कांग्रेस को बर्बाद किया
बिट्टा बोले कि दिग्विजयसिंह जैसे लोगों ने हमारी खून से सजाई हुई कांग्रेस को बर्बाद किया है। हिन्दू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद जैसी बात करके ये देश को कमज़ोर करने लगे।
बिट्टा ने मुखरता से कहा कि ‘बात राष्ट्र की होनी चाहिए, यदि पटेल के हाथों कश्मीर होता तो तिरंगा कब से लहराता। कांग्रेस की पॉलिटिकल विल कमज़ोर रही, जैसे आज मोदी की मजबूत विल से 370 हटी, आतंकवाद का जवाब मुंहतोड़ दिया जाने लगा।’