सस्ते तेल से खाड़ी देशों की हालत खराब, बेचने पड़ रहे हैं बांड,अबू धाबी ने 7 अरब डॉलर के बांड बेचे

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अबूधाबी । कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरे विश्व में जारी लॉकडाउन की वजह से तेल की मांग बिल्कुल गिर गई है, जिसके कारण कच्चे तेल का भाव कई सालों के निचले स्तर पर है। तेल की कीमत और डिमांड घटने के कारण तेल उत्पादक देशों की वित्तीय हालत गड़बड़ा रही है, जिसके कारण खाड़ी देशों को बांड बेचने पड़ रहे हैं। अबू धाबी ने कहा कि उसने 7 अरब डॉलर (53 हजार करोड़ रुपए) के बांड बेचे हैं। खाड़ी देशों में इस महीने यह तीसरा मौका है जब बॉन्ड की बिक्री की गई है। ये देश तेल के दाम में नरमी के बाद बॉन्ड जारी कर फंड जुटा रहे हैं। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक में महत्वपूर्ण रुतबा रखने वाला सऊदी अरब ने पिछले सप्ताह बॉन्ड बिक्री के जरिये 7 अरब डॉलर जुटाए। गैस के मामले में समृद्ध कतर ने दो सप्ताह पहले बॉन्ड बेचकर 10 अरब डॉलर (76 हजार करोड़ रुपए) जुटाए। अबू धाबी के वित्त विभाग ने एक बयान में कहा कि सौदा तीन किस्तों में हुआ है। इसमें दो अरब डॉलर पांच साल में, 2 अरब डॉलर 10 साल में जबकि 3 अरब डॉलर के बॉन्ड 30 साल बाद मैच्योर होंगे।
संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा अबुधाबी के पास सबसे बड़ा तेल संपत्ति भंडार है। अबू धाबी ने कहा कि बॉन्ड को छह गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में अबुधाबी के पास सबसे बड़ा सरकारी संपत्ति फंड है। ये काफी हद तक तेल आय पर निर्भर हैं। बहरीन और ओमान सहित जीसीसी के छह सदस्य राजस्व के लिये काफी कुछ तेल आय पर निर्भर हैं। उनकी 65 से 90 प्रतिशत कमाई तेल से ही होती है। दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन और सऊदी अरब तथा रूस के बीच कीमत युद्ध के कारण तेल की मांग कम होने से दाम नीचे आए हैं। पिछले सप्ताह ओपेक और उसके सहयोगी देशों के बीच उत्पादन में रेकॉर्ड 97 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती को लेकर सममझौते के बाद भी दाम में तेजी नहीं आई है।

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