2019 में राजधानी दिल्ली फिर बनी गैस चैम्बर

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नई दिल्ली। अक्टूबर में नीले आसमान ने दिल्ली को साल के अंत में सर्दियों के मौसम में स्वच्छ हवा की आस जगाई, लेकिन शहर में कई स्रोतों से होने वाले प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से राष्ट्रीय राजधानी 2019 में एक बार फिर से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो गई। इस वजह से अधिकारियों को स्कूल बंद करने पड़े और स्वास्थ्य के लिए आपात स्थिति घोषित करनी पड़ी।

दिवाली के कुछ ही दिनों बाद वायु प्रदूषण 2019 में दूसरी बार आपात स्थिति वाले स्तर तक पहुंच गया, जिस पर उच्चतम न्यायालय को इस संकट का फौरी हल निकालने के लिए आपात सुनवाई करनी पड़ी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को उच्च स्तरीय बैठक बुलानी पड़ी।
दिल्ली सरकार ने सितंबर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि उसकी कोशिशों के चलते पिछले चार बरसों में वायु प्रदूषण में 25 फीसदी की कमी आई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दिल्ली के नीले आसमान की तस्वीरें पोस्ट कीं।
यहां तक कि उन्होंने डेनमार्क के कोपेनहेगन में ‘सी 40 वर्ल्ड मेयर समिट’ में वायु प्रदूषण पर सफलता की कहानी साझा की। इस सम्मेलन को उन्होंने वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
केजरीवाल सरकार ने लोगों को पटाखे नहीं जलाने के लिए समझाने की कोशिशों के तहत एक बड़े लेजर शो का भी आयोजन किया। हालांकि, काफी संख्या में लोगों ने इस साल भी पटाखे जलाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा तय की गई दो घंटे की समय सीमा का धड़ल्ले से उल्लंघन किया।

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