नई दिल्ली। वाहन उद्योग 2019 को भूलना चाहेगा। इस साल वाहन क्षेत्र को जबर्दस्त सुस्ती का सामना करना पड़ा है। ऐसे में वाहन क्षेत्र उम्मीद कर रहा है कि 2020 का वर्ष उसके लिए अच्छा रहेगा। वाहन क्षेत्र उम्मीद कर रहा है कि नए मॉडलों और अपग्रेड मॉडलों के बूते वह 2020 में अच्छी वृद्धि दर्ज कर पाएगा।
उद्योग को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था सुस्ती से उबरकर फिर राह पकड़ेगी और वाहनों के शोरूम में फिर खरीदारों की भीड़ दिखेगी। हालांकि वाहन उद्योग के समक्ष एक और चुनौती भारत चरण 4 (बीएस-4) से सीधे भारत चरण 6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानकों की ओर जाने की है। इसके अलावा उनके समक्ष नए सुरक्षा नियमों की भी चुनौती है। इनसे निश्चित रूप से वाहनों के दाम बढ़ेंगे।
2 साल में एक बार होने वाली प्रमुख वाहन प्रदर्शनी ऑटो एक्सपो नजदीक है। वाहन उद्योग उम्मीद कर रहा है कि इस ऑटो एक्सपो के जरिए वह उपभोक्ताओं को आकर्षित कर पाएगा। इस साल यानी 2019 में दोपहिया से लेकर कारों तथा हैवी ड्यूटी ट्रकों सभी खंडों में बिक्री में गिरावट दर्ज हुई। यह गिरावट इतनी अधिक है कि उद्योग का अनुमान है कि 2019-20 के वित्त वर्ष में उसकी थोक बिक्री इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 से 17 प्रतिशत कम रहेगी।
बिक्री में भारी गिरावट की वजह से वाहन कंपनियों को परिचालन में कई तरह की दिक्कतें आईं। वाहन कंपनियों को कई बार अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ी। इस क्षेत्र में सुस्ती का आलम यह रहा है कि डीलरशिप से लेकर वाहन कलपुर्जा खंड तक करीब 3.5 लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी।
हालांकि तमाम परेशानियों के बावजूद वाहन उद्योग ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम का मानना है कि 2020-21 में चीजें सुधरेंगी। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि बीएस-6 लागू होने जा रहा है, ऐसे में 2020 काफी रोमांचक साल होगा।