सीएबी राज्य में लागू करने को लेकर भाजपा द्वारा घेरा गया कलेक्टर कार्यालय

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-कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का लगाया आरोप

-राज्यपाल के नाम दिया गया ज्ञापन

खबर हलचल न्यूज़ देवास लक्ष्मण जाधव

देवास। नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) को लागू करने के संबंध में प्रदेश की कांग्रेस सरकार हीला-हवाली कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस संबंध में बयान दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस कानून को प्रदेश में तुरंत लागू किए जाने की मांग की है और मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम बिल को प्रदेश में लागू करवाने के लिए ज्ञापन दिया।
भाजपा जिला प्रवक्ता शंभू अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार दोपहर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री नंदकिशोर पाटीदार के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता जिला कार्यालय पर एकत्र हुए। यहां से रैली के रूप् में कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और घेराव किया। इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते इस कानून को प्रदेश में लागू नहीं कर रही है। जबकि प्रदेश सरकार इसे लागू करने से इंकार नहीं कर सकती। इस कानून को प्रदेश में तत्काल लागू किए जाने की मांग भाजपा नेताओं ने की है। राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम को दिया गया। ज्ञापन का वाचन भाजपा जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार ने किया।


गौरतलब है कि संसद द्वारा नागरिकता संशोधन बिल-2019 पारित किये जाने के बाद राष्ट्रपति महोदय ने भी उसे मंजूरी दे दी है। अतः वह कानूनी स्वरूप लेकर संपूर्ण भारत में रह रहे उन शरणार्थियों की भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है, जिन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर उत्पीड़ित किया गया। इनकी जायदाद पर कब्जे कर लिये गये, घर के प्रमुख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और बेटियों का अपहरण कर बड़े पैमाने पर बलात्कार और धर्म परिवर्तन कराये गये। इन हिन्दू, सिक्ख, ईसाई, जैन और बौद्ध आदि समुदाय के लोगों ने अपनी जान और सम्मान बचाने के लिये भारत में शरण ले रखी थी। पिछले कई वर्षों से इन्हें भारतीय नागरिकता देने की मांग हो रही थी, लेकिन बीते वर्षों में कांग्रेस की सरकारों ने वोट बैंक टूटने के भय से इसके लिये कोई कानून नहीं बनाया।
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने नागरिकता संशोधन कानून को मध्य प्रदेश में लागू नहीं करने की बात कही है। मुख्यमंत्री का यह कथन भारत की संप्रभुता, संघीय व्यवस्था और संवैधानिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है। मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति का यह वक्तव्य अत्यंत गंभीरता से लिये जाने की आवश्यकता हैं, वे कांग्रेस के स्टैण्ड पर चलने की बात कहते समय शायद यह भूल गये कि उनकी भूमिका कांग्रेस के कार्यकर्ता से अधिक राज्य के मुखिया की है। नागरिकता देने और नहीं देने का काम भारत सरकार का होता है, राज्यों का नहीं। लेकिन दुर्भाग्य से वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस की सरकार के मुखिया ने प्रदेश में भ्रम का वातावरण बनाते हुए अराजकता को बढ़ावा देने का कुत्सित प्रयास किया है।
कई नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बहादुर मुकाती, भरत पटेल, महेश पाटीदार, रायसिंह सेंधव, जिपं अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत, जिला महामंत्री फूलसिंह चावड़ा, शरद पाचुनकर, जिला उपाध्यक्ष मदन कहार, कार्यालय प्रभारी रेवंत राजोले, जिला मंत्री धर्मेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा, मंडल अध्यक्ष पवनसिंह चंदाना, अर्जुन पंवार, राजेश मीणा, डॉ विजय गुर्जर, जगदीश चौधरी, सोहन पटेल, विजयसिंह पंवार, हरेंद्रसिंह सेंधव, राजेंद्र आर्य, कचरू पटेल, राजेंद्र मोडरिया, चिंटू रघुवंशी, देवकरण पाटीदार, बलवान उदावत, सचिन जोशी, शैलेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ नेता महेश दुबे, राजीव खंडेलवाल, ओम जोशी, राजेश यादव, तेजसिंह बघेल, सिद्धनाथ केलोदिया, दुर्गेश अग्रवाल, ईश्वरसिंह सोलंकी, कमलेश जोशी, गणेश पटेल, धर्मेंद्रसिंह बैस, सुमेरसिंह ठाकुर, वीरेंद्रसिंह राजावत, अशोक जाट, कमल अहिरवार, सतीष उपाध्याय, पुष्पलता सोनगरा, मीना भवालकर, मनीष डांगी, विपिन रघुवंशी, विमल शर्मा, अशोक पटेल, अशोक गोस्वामी, मनोहरसिंह पंवार, शिवराजसिंह गोहिल, भेरूसिंह उपड़ी, शीतल गेहलोत, महेश चौहान, मनीष सोलंकी, विजय गेहलोद, अर्जुन चौधरी, राहुल शर्मा, दुर्गेश खीची, सुनील दुबे, दशरथ धाकड़, जयप्रकाश शर्मा, मनोहर जाधव, जुगनू गोस्वामी, अखलेश खोजा, अनिल चावड़ा, पंकज धारू, अजय धुरिया, प्रवीण श्रीवास्तव, राकेश सिंदल, आयुष भूतड़ा, अर्पण उपाध्याय, आशीष पांचाल, अशोक शर्मा, नयन कानूनगो, राहुल मकवाणा, विक्रम धिंगान, शेखर कुमावत, श्याम चौधरी, दिनेश भूतड़ा, विशाल अग्रवाल, अशोक लखमानी, जसवंतसिंह राजोदा, संजय राखे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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