मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने हिन्दी हस्ताक्षर में रचा विश्व कीर्तिमान

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वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन देगा दिल्ली में विश्व कीर्तिमान

इंदौर । हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से सम्पूर्ण देश में कार्यरत संस्था मातृभाषा उन्नयन संस्थान को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने 11 लाख से अधिक हिन्दी समर्थकों के साथ हिंदी में हस्ताक्षर करने के लिए विश्व कीर्तिमान के लिए चुना। संस्थान को यह विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र जनवरी में दिल्ली में मिलेगा।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘संस्थान से जुड़े हिंदी-योद्धाओं और सक्रिय साथियों व सहयोगियों के माध्यम से देश के तमाम राज्यों से संस्थान को हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। अभी तक 11 लाख 23 हजार 882 लोगों के समर्थन पत्र संस्थान को प्राप्त हो गए हैं। इन सभी लोगों ने हिन्दी में हस्ताक्षर करने का प्रण भी लिया है। यही हिन्दी की असली ताक़त है। संस्थान के इस आंदोलन को देश की अन्य हिन्दी सेवी संस्थाओं का भी साथ मिल रहा है। संस्थान वर्तमान में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से समेकित स्वर बन रहा है। जनसमर्थन एवं हिन्दी हस्ताक्षर परिवर्तन अभियान के माध्यम से लाखों जन हिन्दी के सम्मान में एकजुट हो रहें है, जो हिन्दी के भविष्य के लिए निश्चित ही शुभ संकेत है।

इस अवसर पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सहित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मुकेश मोलवा, मृदुल जोशी, गणतंत्र जैन ओजस्वी, सहित प्रादेशिक अध्यक्ष रिंकल शर्मा, रश्मिलता मिश्रा, डॉ. उर्मिला सेठिया पोरवाल, श्रीमन्नारायण चारी विराट, अवधेश कुमार अवध, वाणी बरठाकुर, ममता बनर्जी मंजरी, धीरज अग्रवाल, मधु खंडेलवाल, जे सुरेंद्रन, राकेश जैन सहित हिंदीयोद्धा अंजलि वैद, जलज व्यास आदि ने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए प्रत्येक हिन्दी प्रेमी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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