अपने घर में आग लगाकर बोलो किस घर जाओगे- श्री इंद्र सिंह नागर
रिपौट =नाजिश कुरैशी टोंक खुर्द
देवास टोंकखुर्द 15 अगस्त और 26 जनवरी परफ्यूम नहीं हमारी नस नाड़ियों में रक्त की तरह बह रहा है, बहना चाहिए यह विडंबना है की पुस्तकों से घरों से मोहल्लों से संस्कारों से बलिदान और राष्ट्रीय चरित्र निकलगया कुछ लोगों को सवर्ग से सुन्दर भारत अच्छा नही लगता। धिक्कार है ऐसी दुर्बुद्धि को कुछ वर्षों से भारतीय समाज हिंसक रास्तों पर आत्मघाती रास्तों पर चल पड़ा है विरोध के तरीके बदल गए हैं तोड़फोड़ आगजनी और मौतें आंदोलनों का हथियार हो गया है फिर कंहा गया देश प्रेम कहां गया त्याग बलिदान जहां गण मर रहा है तंत्र सिसक रहा है कितना बड़ा अंतर है कि देश के स्वतंत्रता सेनानी और नित्य शहीद होने वाले सैनिक देश के लिए मर गए और मर रहे हैं और कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए देश को कमजोर कर रहे हैं अपने घर में आग लगाकर बोलो किस घर जाओगे बिन पानी के मछली जैसे तड़प तड़प मर जाओगे यह विचार ग्राम बरदु में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में आयोजित एक दिवसीय अमृतवाणी सत्संग में श्री राम शरणम के श्री इंदरसिंह नागर ने व्यक्त किए उन्होंने कश्मीर की दुर्दशा पर कहा कि केसर की क्यारी रौंद रौंद कर खरपतवार हो गया है बछड़े के हक का दूध धु कर नागों को ही पिलाया है नागमणि कोशि को सींचा और तुलसी में जहर मिलाया है शेर के हक का हिस्सा भी क्या वह गीदड़ हर जाएंगे ।
कार्यक्रम में अमृतवाणी का पाठ हुआ जिसमें क्षेत्र से आए सैकड़ों धर्म प्रेमी भाई बहनों ने अमृत वाणी एवं भजनों का लाभ लिया आरती के पश्चात सामूहिक भोज हुआ गांव के पटेल श्री सज्जनसिंह जी ने सभी का आभार प्रकट किया कार्यक्रम में विशेष रूप से वकार अहमद सिद्दीकी पत्रकार भंवरसिंह ठाकुर सुमेरसिंह यादव नासिर पटेल टीपू मंसूरी सौदान सिंह ठाकुर बीसल खेड़ी,डॉ अनारसिंह ठाकुर बाबूलाल पटेल, विक्रमसिंह पटेल, अकबर पटेल, नन्नु पटेल पत्रकार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे