धर्म अर्थ काम में सामंजस्य स्थापित कर मोक्ष का मार्ग सुझाती है “गीता”- डॉ शर्मा

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धर्म अर्थ काम में सामंजस्य स्थापित कर मोक्ष का मार्ग सुझाती है “गीता”- डॉ शर्मा

हर्शौल्लाष से मनाया गया गीता जयंती महोत्सव , हुए विविध आयोजन

सेंधवा – मनुष्य जीवन के चतुर्विध पुरुषार्थ में से धर्म अर्थ काम के बिच किस तरह सामंजस्य स्थापित किया जाए की अंत समय मोक्ष प्राप्त हो इसका बोध गीता जी के द्वारा मनुष्य को होता है , इसके दो मार्ग मनुष्य को गीता जी के माध्यम से प्राप्त होते है जो की सांख्य योग और कर्म योग है | कम शब्दों में सांख्य योग से आशय की मन , इन्द्रियों और गुणों से होने वाले प्रत्येक कर्म में अभिमान रहित होकर कर्तापन का भाव त्याग कर अभिमान रहित कर्म करना और संसार को माया स्वप्न समान समझ केवल केवल इश्वर का चिंतन मनन करना | वहीँ कर्म योग में सबकुछ इश्वर मात्र का समझकर सिद्धि असिद्धि में समत्व भाव रख फल की इच्छा न रखते हुए भगवान् हेतु सभी कर्म इश्वर की इच्छा मानकर अपने सभी कर्मो को ईश्वरीय आज्ञा मानकर धर्म अनुसार आचरण करते हुए बरतना |

उक्त उदगार मोक्षदा एकादशी गीता जयंती के उपलक्ष्य पर पंडित डॉ दामोदर शर्मा वैद्य जी द्वारा सत्यनारायण मंदिर में आयोजित गीता जयंती उत्सव के दोरान व्यक्त किये | शर्मा ने आगे बताया की प्रत्येक मनुष्य को गीता जी का स्वाध्याय अवश्य करना चाहिए , जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिनाई को किस तरह हल किया जाए , उनका सामना किस तरह किया जाए , और निराकरण कैसे निकाला जाय इसका नजरिया गीता अध्ययन करने से मनुष्य को प्राप्त होता है | मानव जीवन को किसी भी काल परिवेश में किस तरह से सार्थक बनाया जाए यह मार्ग गीता जी प्रशस्त कराती है | विज्ञान ने भले ही कितनी भी तरक्की कर ली हो उसके द्वारा जीवन को आसन बनाया जा सकता है , परन्तु इस वैज्ञानिक युग में भी जीवन को सार्थक बनाने हेतु पत्येक सूत्र हमें गीता जी के अध्ययन से प्राप्त होता है , विद्यार्थी जीवन से लगाकर वयो वृद्ध अवस्था प्राप्त प्रत्येक मनुष्य को गीता जी का स्वाध्याय जरुर करना चाहिए चाहे वह रोजाना क्षणिक ही क्यों न हो |

हुए विविध आयोजन

गीता जयंती महोत्सव प्रत्येक वर्षानुसार इस वर्ष भी वैद्य जी परिवार धूमधाम से धार्मिक रीती रिवाजो के साथ मनाया गया , सुबह ८ बजे भगवान् सालग्राम जी का विविध उपचारों द्वारा पूजन अभिषेक किया गया , श्रीमद भागवत गीता जी एवं सभी धार्मिक पुराणों की झांकी सजाई गयी , तत्पश्चात पंडित श्री मुकेश जी शर्मा , पंडित श्री रमेश जी शर्मा के आचार्यत्व में उपस्थित जनों द्वारा गीता जी का विधिवत पूजन एवं अनुष्ठानिक पाठ किया गया फिर दोपहर करीब 2 बजे महाआरती कर प्रसाद वितरित किया गया | शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया |

ये रहे मोजूद

इस अवसर पर वैद्य जी परिवार के सभी सदस्य डॉ दामोदर शर्मा , श्रीमती प्रभावती शर्मा , पंडित हरिप्रसाद शास्त्री , पंडित गोविन्द जी शास्त्री ,राजेंद्र शर्मा, श्रीमती पुष्पावती शर्मा ,आशुतोष शर्मा , श्रीमती कृतिका शर्मा , कपिलेश शर्मा , श्रीमती सारिका शर्मा , रविकांत शर्मा , श्रीमती स्वाति शर्मा , राहुल गर्ग , सुनील अग्रवाल , राधेश्याम अग्रवाल खलगाट वाले, \राकेश अग्रवाल , पप्पू मित्तल , पंडित श्रीराम शर्मा ,पंडित ओमप्रकाश शर्मा, पंडित दीपक शर्मा , प्रह्लाद मंडलोई , पंडित रमेश जी शर्मा , पंडित राधाकिशन जी व्यास , पंडित ब्रजमोहन शर्मा , दिलीप शर्मा ,विवेक तिवारी , महेश भिंडा, किशोर वैष्णव, दीपक मालवीय , सोनो शर्मा ,

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