देवास-हाटपिपल्या
के करनावद नगर में बिते दिन रविवार को एक आदिवासी महिला की करनावद फाटे के यात्री प्रतीक्षालय में डिलीवरी हो गई। ग्रामीणों ने 108 को फोन लगाने के 1 घंटे बाद जननी एक्सप्रेस पहुची। उसके बाद उसे करनावद उप स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया।
प्रसूता के पति सुरेश भील निवासी वार्ड क्रमांक एक करनावद ने बताया कि रविवार 1 बजे वह उप स्वास्थ्य केंद्र के महिला प्रसूति गृह में अपनी पत्नी एवं परिजनों के साथ प्रसूता रेखा बाई को दिखाने पहुंचा तो वहां कार्यरत एएनएम चिंतामणि आर्य ने उसे टाल मटोल कर बागली दिखाने ले जाने का कहा। वह अपनी पत्नी एवं परिजन को 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर करनावद फाटे पर बागली जाने के लिये पहुंचा। जहां पर प्रसूति महिला रेखाबाई को जबरदस्त पीड़ा होने लगी। महिला को पास ही बने यात्री प्रतीक्षालय में ले गये जहां पर उसने एक लड़के को जन्म दिया। यह नजारा देख वहां पर होटल व्यवसाई की पत्नी श्रीमती मायाबाई ने अपने घर से तुरंत कपड़े और अन्य सामग्री लाकर दी जिसके बाद महिला को लड़का हुआ। उसके बाद फांटे के लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन एंबुलेंस 1 घंटे तक नहीं आई। महिला 1 घंटे तक यात्री प्रतीक्षालय में ही पिड़ाओ का सामना कर पड़ी रही। यह देखकर लोगों में आक्रोष आ गया और लोगों की भीड़ लग गई। किसी ने एएनएम श्री मती चिंतामणि आर्य को फोन किया तब कहि जाकर एएनएम श्रीमती चिंतामणि आर्य करनावद फाटा यात्री प्रतिक्षालय पहुंची और उसने प्रसूता को देखा तभी जननी एक्सप्रेस आई और प्रसूता को जब जननी एक्सप्रेस मे बेठाया गया तब तक जननी एक्सप्रेस पंचर हो चुकी थी आम जनता द्वारा ऐम्बुलेंस की इसटेपनी बदलना चाहीं तो ऐमबुलेंस की इसटेपनी भी पंचर निकली फिर बड़ी मस्कत के साथ पंचर ऐमबुलेंस से लेकर महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र करनावद पहुची। और उपचार सुरू किया जब बच्चे की स्थिति बिगड़ने लगी तब एएनएम चिंतामणि आर्य ने बागली ले जाने को कहा फिर देखते हैं कि एंबुलेंस पूरी तरह खराब हो चुकी थी उसी बीच आयुर्वेदिक औषधालय के डॉ अशोक विश्वकर्मा ने अपने निजी वाहन से प्रसूति को बागली के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और वहां पर उसका उपचार शुरू किया गया एएनएम चिंतामणि आर्य से जब इस विसय पर बात की तो उनहोने बताया कि महिला मेरे पास आई थी जब महिला ठीक थी इस बीच मैं डीलेवरी हो गई तो हम किया कर सकते है महिला को लड़का हुआ है वह 7 माह का बच्चा है वह काफी कमजोर है इसलिए उसे बागली भेज दिया गया है। इस विषय में चिंतामणि आर्य कि सीनियर एएनएम श्रीमती अर्चना से बात करना चाही तो उन्होंने कहा कि हमारी कोई 24 घंटे की ड्यूटी नहीं लगती है हम प्रत्येक संडे को एक दूसरे की ड्यूटी लगती है मेरी आज ड्यूटी नहीं है आज ड्यूटी चिंतामणि आर्य की है इसलिए उनसे बात कीजिए इसके बाद हमने बागली स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर पटेल से चर्चा करना चाही तो डॉक्टर पटेल ने कहा कि हमने सिर्फ उसको एडमिट किया था उसके तुरंत बाद देवास रेफर कर दिया था जब इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग अधिकारी से लेना चाहि तो विष्णु लता उईके ने फोन ही नहीं उठाया और फोन बार बार काटती रही