ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर में निकाला जुलूस।

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देवास -पैगम्बर मोहम्मद सा. के जन्मदिन के मौकेे पर जुलुस ने शहर के मुख्य मार्गो का भ्रमण किया 21 नवम्बर बुधवार को शहर के मुख्य मार्गो से जुलूस निकला गया।  चार किमी. लंबे जुलूस में 30 से अधिक वाहन शामिल हुए। छह घंटे तक शहर भ्रमण के दौरान 100 से अधिक स्थानों पर विभिन्न क्लबों, गु्रपों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया । जुलूस की शुरूआत प्रात: 10 बजे पुराना बस स्टैंड स्थित मोहम्मदी चौक से हुई । यहां से जवाहर चौक, कवि कालिदास मार्ग, नयापुरा, नाहर दरवाजा, पठानकुआं, तुकोगंज रोड़, शालिनी रोड़, खारी बावड़ी, मीरा बावड़ी, तहसील चौराहा, एम.जी.रोड़, नावेल्टी चौराहा, अलंकार मार्केट, शुक्रवारिया हाटा, पीठा रोड़ होतु हुए पुराना बस स्टैंउ पहुंचकर दोपहर चार बजे समापन हुआ । यहां तकरीर के बाद फातेहाखानी हुई । जूलूस में सबसे आगे सैकड़ो बच्चे नात पढ़ते हुए चल रहे थे । इसके बाद युवाओं की टोली नारे लगाते हुए चल रही थी । बीच में ऊंट व घोड़े पर बच्चे सवार थे । करीब 300 युवा दावते इस्लामी के इस्लामी परचम लेकर चल रहे थे । 
जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज भी
दावते इस्लामी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के साथ इस्लामी  परचमो का संगम जन आकर्षण का केन्द्र रहा इस मौके पर किताबे वितरण की गई   जुलूस के पीछे शहर सीनियर काजी मौलाना इरफान एहमद अशरफी सहित समाज के वरिष्ठजन चल रहे थे । जगह-जगह आतिषबाजी कर जुलूस का स्वागत किया गया । जुलूस में बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला । वे सज-धजकर शामिल होने आए ।  
नूर वाला आया है नूर लेकर आया है 
हर दर्द की दवा है मोहम्मद के शहर में….., नबी-नबी या नबी-नबी……, अल्लाह जानता है मोहम्मद का मर्तबा……, मेरा ख्वाजा बादशाह है मुझे कोई गम नहीं……, लब्बैक-लब्बैक या रसुलल्लाह ……, नूर वाला आया है नूर लेकर आया है सारे आलम में……, मीठा-मीठा है मेरे मोहम्मद का नाम……, अल्लाहु-अल्लाहु या अल्लाहु…… जैसे कव्वाली व नात की धुन शहर के मुख्य चौराहों व जुलूस में डीजे पर बज रही थी । मौका था इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश के दौरान ईद मिलादुन्नबी पर शहर में निकले जुलूस का । जुलूस में मुस्लिम समाज के हजारों जायरीन सफेद लिबास में थे । मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे व जुलूस में शामिल होकर मोहम्मद साहब को पैदाइश का पर्व खुशी से मनाया । कई लोगों ने मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर अपने घर व दुकानें दुल्हन की तरह सजाए थे । घरों में आकर्षक विद्युत सज्जा व हार की लटों से सजाया गया था । 
ऊंट व घोडों का नृत्य रहा आकर्षण का केन्द्र 
हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी पर निकाले गए जुलुस में शामिल ऊट व घोडों ने जश्र के मौके पर नृत्य किया जो कि जन आकर्षण केन्द्र रहा। 
फूलो से पटी सड़के
जुलूस मार्ग फूलो से पट गया । विभिन्न युवा संगठनों ने जुलूस का गर्मजोषी के साथ फूल बरसाकर इस्तकबाल किया । इस दौरान संगठनों द्वारा फल, हलवा, लड्डू, शरबत व बच्चों के लिए चॉकलेट आदि प्रसादी का वितरण किया जा रहा था । शहरी क्षेत्र में जुलूस निकलने से पहले इटावा क्षेत्र में मुख्य चौराहाो से चल समारोह निकाला गया । इटावा मेंं सुबह से जुलूस निकलना शुरू हो गया था, बाद यह जुलूस मुख्य जुलूस में पहुंचा । विभिन्न कमेटियों द्वारा जुलूस के दौरान इस्तकबाल में जमकर आतिशबाजी की गई । आतिषबाजी के साथ ही डीजे की धुन पर कव्वाली, शेर व नातों से माहौल गंूज रहा था । जुलूस में अतिथि बग्घियों पर सवार थे जुलूस के समापन अवसर पर मुख्य अतिथियों द्वारा परचम कुशाई की गई व अतिथियों द्वारा सम्बोधित किया गया व पुरस्कार बांटे गयें। इस दिन मुस्लिम परिवारों में कुरानखानी हुई व मीठे व्यंजन बनाए गयें । 

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