देवास। भूमि परिवर्तन को लेकर 1500 रूपए की रिश्वत लेते राजस्व निरीक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था। लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टचार अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर राजस्व निरीक्षक को 4 वर्ष के कारावास और 40 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
यह था पूरा मामला
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेकर ने बताया कि 8 जुलाई 2015 को धर्मेन्द्र पिता मूलचंद जिलोरिया निवासी बागली ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी कि प्लाट एक हजार वर्गफुट का छतरपुरा रोड़ बागली में है जिसका डायवर्सन कराने हेतु आवेदन एसडीएम कार्यालय बागली में दिया था। भूमि परिवर्तन शाखा, देवास में राजस्व निरीक्षक कैलाश परिहार के द्वारा भूमि परिवर्तन के रिपोर्ट देने के एवज में 1500 रूपये की रिश्वत मांग की थी। शिकायत की तजदीक करने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को कार्यालय भू-अभिलेख (भू परिवर्तन शाखा) कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ राजस्व निरीक्षक कैलाश परिहार को1500 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। लोकायुक्त पुलिस ने धारा 7,13(1)डी,13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचरण निवारण अधिनियम) कैलाश परिहार, उम्र 48 वर्ष, राजस्व निरीक्षक, कार्यालय भू-अभिलेख (भूमि परविर्तन शाखा)को धारा 7,13(1)डी,13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4 वर्ष के कारावास एवं 40 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अजयसिंह भंवर, उप संचालक अभियोजन ने पैरवी संपादित की। सहयोग कोर्ट मुंशी राधेश्याम नामदेव का सहयोग रहा। जानकारी चन्दरसिंह परमार सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने दी।