कथा सुनने से ही जीवन के समूल पापो का नाश हो जाता है। पंडित शर्मा

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सेंधवा कपिलेश शर्मा -कथा सुनने के बाद अपने बुराई से दूर रहने की ताकत आती है। भगवान कथाएं आपके शरीर उत्पन्न व्याधियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। लेकिन कब जब उनकी बाते अपने जीवन मे उतारे। यह बात भगवान परशुरामजी की कथा के अंतिम दिन भोपाल से पधारे पंडित रमेश जी शर्मा ने कही। पूरे विश्व मे सनातन परंपरा है। और अन्य परंपरा इसी सनातन संस्कृति से ही निकली है। चाहे यहूदी हो, कैथलिक हो या इस्लामी परंपरा विवाह में पहले लड़की की रजामंदी ली जाती है जिसके बाद ही लड़का वरमाला डालता है, या पहले लड़की कबूल कहती है बाद में लड़के से पूछा जाता है। उसी प्रकार यहुगी और कैथलिक परम्परा में भी होता है। पंडित श्री ने गुरु के दो रूप बताये, एक गुरु वो जो निर्धारित पाठ्यक्रम को सिखाता है वो आचार्य गुरु है। तथा जो आपको अज्ञान के अंधकार से निकालकर भगवान की भक्ति में लीन कर भगवान से मिला दे वो सद्गुरु है। इस तरह गुरु दो प्रकार के होते है। कभी भी गर्भवती महिला के कक्ष में फिल्मी एक्टरों और क्रिकेटरों की फ़ोटो न लगाए। याद रखे ये केवल नकली हीरो होते है। तस्वीरे लगाना है तो वीर सिपाहियों की तस्वीर लगाए, जो असली हीरो होते है। तस्वीर लगाना है तो महाराणा प्रताप, शिवाजी आदि महान योद्धाओं की तस्वीर लगाए। याद रखे बच्चो को जैसे बनाएंगे वो वैसे ही बनेंगे। आजकल मोबाइल पर बच्चे खूब कार्टून देखते है। हम भी बच्चो को मोबाइल दे देते है। लेकिन सोचिए जो बच्चा आज कार्टून देख रहा है। वो आगे चल कर कार्टून ही न बन जाये। इसलिए उन्हें हमारे संस्कारो की , महापुरुषों की कथाएँ सुनाए सिखाए। ताकि हमारा, हमारे कुल उत्थान हो सके। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सफलता का राज है गायत्रीमंत्र वो रोज गायत्री जप करते है। गायत्रीमंत्र अपने आप में अत्यंत ऊर्जा का स्रोत है। इसे कोई भी जप कर सकता है। अतः गायत्री अवश्य करे। हमे चाहिए कि प्रत्येक ब्राम्हण गायत्री अवश्य करे। सुबह उठने पर 11 गायत्री अवश्य करे। पूरा दिन आनंदित रहेगा।
कब्बडी खेलने से श्वांस का नियंत्रण रखना सीखते है। साथ ही दुश्मन से कैसे बिना किसी अहित के निकल कर आना यह सीखते है। उसी प्रकार गायत्री करने से सांसो पर नियंत्रण होता है। बालीपुर आश्रम की ओर से महिला मंडल के पांच समूह को एक एक पुराण भेंट किया गया। पुराणों के माध्यम से सदाचार एवं संस्कारो के विकास के लिए, अध्ययन हेतु भेंट किये।
समाज मे धार्मीक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार करेंगे
यह समूह धार्मिक ग्रंथों को एकत्रित कर बाल संस्कार एवं अध्ययन के लिए पुस्तकायल का निर्माण करेंगे।
कथा के मध्य में अरुंधति मारवाड़ी ब्राह्मण मण्डल द्वारा पं श्री रमेश जी और जानापाव वाले बाबाजी का शाल श्रीफल से सम्मानित किया
इनका हुआ सम्मान –

भगवान परशुराम कथा के तीसरे व अंतिम दिवस मारवाड़ी ब्राह्मण समाज द्वारा नगर में सेवा कार्य मे लगई संस्थाओं का सम्मान शाल श्रीफल भेंट कर किया गया। जिसमें नगर के विभिन्न बस्तियों में रहने वाले वृद्ध, बीमार, बेसहारा लोगो तक भोजन पहुंचाने तथा उनका उपचार करवाने वाली आसरा फाउंडेशन, क्षेत्र व जिले के साथ ही देश के विभिन्न स्थानों पर रक्त दान कर लोगो की जान बचाने वाली सुभाषचंद्र बोस रक्तदान समिति, लावारिसों की लाश का अंतिम संस्कार, नेत्रदान, देहदान का अलख जगाने वाली मानव सेवा समिति, किसी की भी मृत्यु पर मुक्तिधाम में निशुल्क पाइन का पानी उपलब्ध करवाने वाली चौधरी एक्वा, शहरियों के पुराने कपड़े एकत्रित कर ग्रामो में शिविर लगाकर गरीबो तक कपड़े व अन्य सामग्री वितरित करने वाले वैश्य सेवाघर एवं शहर में धार्मिक कथा व आयोजन करवाने वाली मातृ शक्ति महिला मंडल के सदस्यों का सम्मान मंच से किया गया। सम्मान के दौरान गिरवरदयाल शर्मा, विनोद शर्मा, दामोदर शर्मा, बद्रीप्रसाद शर्मा, राजेश शर्मा, छगन जोशी, राधेश्याम शर्मा, तरुण शर्मा, सुनील शर्मा, नंदू शर्मा, राजेश जोशी एवं अन्य उपस्थित रहे। अन्तिम दिवस कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए चाय का स्टॉल मनोज सोहनी द्वारा तथा पोहे का स्टॉल जोशी ट्रांसपोर्ट परिवार द्वारा लगाया गया।

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