जिम्मेदार अधिकारियों के रवैये से बिगड़ा माहौल।दूसरे दिन भी बंद रहा सोनकच्छ।

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प्रिन्स बैरागी

देवास-  सोमवार के बाद आज मंगलवार को भी स्वेच्छा के साथ अपने प्रतिष्ठान बंद रख सोनकच्छ वासियो नेे विरोध जताया । बिगड़ते राजनीतिक समीकरण को देख,बताया जाता है कि सत्ता पक्ष के एक नेता के इशारे पर मंगलवार को चंद व्यापारी अपनी-अपनी दुकानों को खोलने एवं सुरक्षा व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस थाने पर एसडीएम नीता राठौर,एसडीओपी कुलवंत सिंह एवं थाना प्रभारी मनीष मिश्र से चर्चा के लिए गए थे।जिसके बाद गिनती की 2-4 दुकाने खुली।इनके अतिरिक्त समस्त नगरवासियों ने एकमत होकर प्रशासन के विरोध स्वरूप अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।जानकारी के अनुसार जो व्यापारी थाने पर नगर खुलाने की चर्चा हेतु गए थे,उन्होंने भी बाद में स्वेच्छा के साथ अपने प्रतिष्ठान बंद कर लिए।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के बताया कि रविवार रात्रि में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर निकले चल समारोह में पुलिस महकमें द्वारा गणेश उत्सव समिति सदस्यों के साथ अभद्रता कर चल समारोह में व्यवधान उत्पन्न किया गया था एवं भजनों की प्रस्तुति दे रहे,युवक के हाथ से माईक छिनकर बज रहे स्पीकरों को बंद करवाकर,चल समारोह निकालने की बात कही थी।इसके अतिरिक्त सबसे आगे चल रही एक ट्रेक्टर ट्रॉली अचानक से खराब हो गई थी।जिस पर थाना प्रभारी मनीष मिश्र ने अनुचित शब्दों का प्रयोग कर,तिरस्कार करते हुए कड़े शब्दों में जल्द ट्रॉली हटाने को कहा था।जिससे समिति सदस्य व अन्य लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।जिस पर समिति सदस्यों द्वारा चल समारोह को बीच मार्ग में रोककर पुलिस महकमे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।पुलिस के खिलाफ विरोध इतना जबरदस्त था कि मौके पर अनुविभागीय अधिकारी नीता राठौड,एसडीओपी कुलवंतसिंह,तहसीलदार जीएस पटेल को पहुंचना पड़ा।एसडीएम द्वारा समितियों के सदस्यों से चल समारोह आगे बढ़ाने की बात कही गई।जिस पर सभी सदस्यों ने पुलिस महकमे की कार्यशैली व दुर्व्यवहार का हवाला देकर उच्च अधिकारियों के समक्ष चर्चा करने की बात कही तथा अपनी-अपनी गणेश प्रतिमाओं को वापस लेकर अलग-अलग जगहों पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया।इधर चल समारोह में पुलिस महकमे द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने पर हिन्दुस्तान संगठन द्वारा दूसरे दिन सोमवार को नगर बंद का आव्हान किया था।

 

अनंत चतुर्दशी चल समारोह में थाना प्रभारी मनीष मिश्र द्वारा की गई अभद्रता को लेकर गणेश उत्सव समिति सदस्यों व हिंदू संगठन द्वारा सोमवार सुबह 9 बजे जैन मंदिर के सामने एकत्रित होकर नगर में घुमते हुए प्रत्येक व्यापारी वर्ग से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निवेदन किया था।जिस पर धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यापारी वर्ग की ओर से पूर्ण समर्थन मिला।जहां पर प्रत्येक प्रतिष्ठान सोमवार को दिन भर बंद नजर आए।वहीं शाम 4 बजे समस्त गणेश उत्सव समिति के सदस्यों द्वारा महाराणा प्रताप चौक में एकत्रित होकर जनसमुदाय के साथ तहसील परिसर पहुंचा।जहां पर जिलाधीश श्रीकांत पाण्डेय के नाम अनुविभागीय अधिकारी राठौड़ को ज्ञापन सौपा।जिसमें उल्लेखित किया कि राजस्व अधिकारी नीता राठौड,एसडीओपी कुलवंतसिंह एवं थाना प्रभारी मनीष मिश्र द्वारा अपने पद का गलत प्रभाव दिखाते हुए चल समारोह में चल रही भजन संध्या बंद करवाकर,धमकाया गया कि बगैर माइक के जुलूस निकालें अन्यथा सभी को शांति भंग के आरोप में बंद कर देंगे।चलित भजन संध्या बंद कराकर,धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।इस घटना से स्तम्ध होकर तीनों अधिकारियों का तुरंत निलंबन किया जाए तथा कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक तीनों अधिकारियों का निलंबन नहीं किया जाएगा तब तक अनिश्चितकालीन नगर बंद रहेगा।साथ व्यंग्यात्मक शैली में ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि संभवत आगामी 27 सितम्बर को मुख्यमंत्री की सभा होने वाली है तब देखते हैं कानून व्यवस्था का पालन करने वाले यह अधिकारी साउंड कैसे बंद कराते हैं…?

कानून व्यवस्था सभी के लिए समान रूप से लागू होना चाहिए।जिस क्षैत्र में प्रशासनिक अधिकारी ही अपने समस्त दायित्वों व कर्तव्यों से विमुख होते हुए चेहरा देखकर तिलक करने की रीति लगा ले अर्थात एक ही मामले में किसी को छूट तो किसी को कानून का आड़ा लेकर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास करें तब ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन का विरोध आम जनता में होना कोई अतिशयोक्ति नहीं है।अनंत चतुर्दशी पर चल समारोह में समिति सदस्य और प्रशासन के बीच चल रही बहस के दौरान ही उपस्थित लोगों ने कहा कि विधायक राजेंद्र वर्मा द्वारा अभी कुछ समय पूर्व ही श्री पिपलेश्वर महादेव कांवड यात्रा में डीजे निकाला गया था लेकिन उस समय प्रशासन द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली गई थी और कईं नेताओं के जन्मदिन पर भी डीजे द्वारा प्रचार प्रसार किया गया था।जब भी प्रशासन द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली गई lलेकिन इस विसर्जन चल समारोह में डीजे पर केवल आर्केस्ट्रा चलाया जा रहा था।जिसमें भजन गाए जा रहे थे।लेकिन प्रशासन द्वारा उस पर आपत्ति लेकर उसे बजरंग चौराहे से ही पुन: बंद कर दिया गया।

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