जयस के विरुद्ध लामबद्ध ़़हुए आदिवासी संगठन

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जयस के विरुद्ध लामबद्ध ़़हुए आदिवासी संगठन

समस्त आदिवासी समाजिक संगठनो ने डॉक्टर हीरा अलावा का किया बहिष्कार

इंदौर| रविवार को इंदौर के मूसाखेड़ी में मध्यप्रदेश के समस्त आदिवासी समाजिक जन संगठनों की प्रदेश स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई । जिसकी अध्यक्षता आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष व आदिवासी मुक्ति संगठन के महासचिव के श्री गजानंद ब्रह्मणे जी द्वारा की गई । जिसमे निम्न मुद्दों पर चर्चा की गई ।
9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस समारोह की समीक्षा की गई तथा सर्वसम्मति से समाज हित मे आगामी रणनीति बनाई गई । जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) को लेकर चल रही भ्रांतियों पर भी चर्चा की गई । विगत कुछ दिनों से नेशनल जयस नामक संगठन के डॉ हीरा अलावा नामक व्यक्ति द्वारा अलग अलग आदिवासी संगठनों के नाम से प्रदेश में राजनैतिक माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं । डा हिरालाल अलावा व उनके पिछलग्गू द्वारा प्रदेश के सामाजिक संगठनों के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की फोटो व वीडियोग्राफी ली जाकर अपनी राजनीति को चमकाने के लिए प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मे उसका उपयोग किया जा रहा है । उनके द्वारा विगत वर्ष 2017-18 हुए कॉलेज के चुनाव में आदिवासी छात्र संगठन (एसीएस) की सफलता को भी नेशनल जयस के माध्यम से हाईजैक की जाकर उसका उपयोग अपनी प्रसिद्धि पाने में किया गया । यह सब समाज व समाज के सामाजिक संगठनों को विश्वास में लिए बगैर किया जा रहा है । उनकी इस प्रकार की हरकतों को लेकर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों व समाज के प्रबुद्ध वर्गों द्वारा बार बार समझाने का प्रयास किया गया । लेकिन डॉ हीरालाल अलावा व उनके पिछलग्गू अपनी हरकतों से बाज नहीं आए । पिछले दिनों समाचार पत्रों में डॉ हीरालाल अलावा द्वारा उनके समर्थन में आदिवासी समाज के कई संगठन होने का दावा किया गया था । यह बयान भी संबंधित संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए बगैर ही दिया गया था । उनकी इस प्रकार की असामाजिक हरकतों व अनाप-शनाप बयानबाजी को लेकर आदिवासी समाज के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश दिखाई दिया । उनका कहना है कि उनकी संदिग्ध गतिविधियों व बयान बाजी से समाज दिग्भ्रमित हो रहा है । बैठक में इस बात पर भी चिंतन किया गया कि यह आदिवासी समाज को आपस में लड़वाने की कोई गहरी साजिश तो नहीं है ।
आदिवासी समाज के समस्त सामाजिक संगठन आदिवासियों के संवैधानिक व प्राकृतिक अधिकारों को लेकर जन जागृति फैलाने, रचनात्मक कार्य करने, समाज का परिपक्वन नेतृत्व तैयार करने, आदिवासियों की सार्वभौमिक संस्कृति का प्रचार प्रसार करने, उनके खिलाफ हो रहे अन्याय अत्याचार दमन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने, मानवता व इंसानियत को दुनिया में बनाए रखने ,पर्यावरण संतुलन बनाए रखने आदि उद्देश्य को लेकर बनाए गए । सामाजिक संगठन आज भी अपने उद्देश्यों पर कायम है व आगे भी रहेंगे ।

मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने दिनांक 2 सितंबर, 2018 की प्रांतीय बैठक में बैठक मे हाथ उठाकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि हम आदिवासी समाज के समस्त सामाजिक जन संगठन प्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह की राजनैतिक विचारधारा व राजनैतिक गतिविधियों का समर्थन नही करते है। कुछ राजनीतिक मंशा रखने वाले लोग सामाजिक संगठनों को अपनी राजनीतिक सफलता की सीढ़ी बनाना चाहते हैं । जिसका हम विरोध करते है और ऐसे लोगों से सामाजिक संगठनों का कोई संबंध नहीं है ।
बैठक में आदिवासी एकता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष गजानंद ब्रह्मणे जी व महासचिव राजेंद्र बारिया, आदिवासी विकास संगठन अध्यक्ष अनिल रावत, आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) अध्यक्ष जगन सोलंकी, जय आदिवासी युवा शक्ति जयस प्रवक्ता अनिल कटारा,संरक्षक गौरव चौहान, आदिवासी विकास परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आनंदराव कोवे, जाग्रत आदिवासी दलित संगठन के वालसिंह भाई, आदिवासी छात्र संगठन मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बंदोड़, आदिवासी मोर्चा संगठन के वेरसिंह भाई डावर, नाजी संरक्षक करण भगत आकास कोषाध्यक्ष मांगीलाल इकवाले, नासरी बाई, लोकेश मुजाल्दा, राजेश कन्नौजे, सुभाष डावर, डॉ गोविंद मुजाल्दे, डॉ रविन्द्र बरडे, दिनेश खरते, आर गवली, सुनील रावत, कमल चौहान, कपिल पंवार, संजय मण्डलोई, मुकेश मण्डलोई, गोपाल सिंघार, अजय कन्नौजे, सूर्या डोडवे,मोहन मोरी, मुकाम अलावा आदि सहित मध्यप्रदेश के 17 जिलों के लगभग 200 प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

जिसमे विशेष रूप से ये संगठने उपस्थित रहे- आदिवासी एकता परिषद, आदिवासी मुक्ति संगठन, आदिवासी विकास संगठन, आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास), जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस), आदिवासी मोर्चा संगठन, आदिवासी छात्र संगठन, जाग्रत आदिवासी दलित संगठन, अजाक्स, भील एकलव्य शबरी संगठन, बिरसा ब्रिगेड, नाजी, आदिवासी भील पल्टन, भीमा नायक आदिवासी संगठन, आदिवासी टाइगर सेना व प्रदेश के बड़वानी, धार, रतलाम, झाबुआ, इंदौर, देवास, बुरहानपुर, खरगोन, खंडवा, सीहोर,हरदा, देवास,होशंगाबाद,बैतूल,उज्जैन,राजगढ़ ब्यावरा,अलिराजपुर इत्यादि संगठन एवं जिलों के लोग शामिल हुए|

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