
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे साहित्य के सितारों का महाकुंभ यानी साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को लेखिका चित्रा मुद्गल को इस वर्ष ‘आजतक साहित्य जागृति लाइफ़टाइम अचीवमेंट सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रदान किया।
इंसान के भीतर भाव को साहित्य ही बचा सकता है: हरिवंश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने कहा कि देश को बौद्धिक रूप से संपन्न करने वाली प्रतिभाओं के सम्मान का साक्षी बनना, उनके लिए निजी तौर पर गर्व और संतोष का विषय है। उपराष्ट्रपति ने साहित्य आजतक को भारतीय भाषाओं का साहित्यिक महाकुंभ बताते हुए कहा कि उन्होंने अर्थशास्त्र का विद्यार्थी होने के बावजूद समाज को समझने का वास्तविक दृष्टिकोण साहित्य से पाया।
उन्होंने चित्रा मुद्गल, रेणु, राही मासूम रज़ा, श्रीलाल शुक्ल, शिवप्रसाद सिंह जैसे लेखकों के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन उपन्यासों ने उन्हें समाज की जटिल परतें समझाईं, जो राजनीतिक विज्ञान की किताबें नहीं समझा सकीं। उन्होंने विक्टर फ्रैंकल की ‘मैन्स सर्च फ़ॉर मीनिंग’ और चंद्रशेखर की जेल डायरी का भी ज़िक्र किया।
इस आयोजन में ख्यात लोकगायिका एवं साहित्यकार मालिनी अवस्थी को ‘चंदन किवाड़’ के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (महिला कैटेगरी) से व गौहर रजा को ‘मिथकों से विज्ञान तकः जीवन और ब्रह्मांड से रहस्य, विज्ञान और धर्म का तालमेल’ के लिए आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2025 (पुरुष कैटेगरी) से सम्मानित किया गया।