माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा व्याख्यान एवं संगोष्ठी का आयोजन

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हिन्दी भारत का भाषाई परिचय- डॉ. जैन

इन्दौर। माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े में व्याख्यान एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता वीणा पत्रिका के संपादक डॉ. राकेश शर्मा ने राजभाषा हिन्दी की दशा और दिशा पर व्याख्यान देते हुए देवनागरी लिपि के महत्त्व को बताया। विशेष अतिथि के रूप में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ तथा प्राचार्य डॉ. अशोक सचदेवा की अध्यक्षता की।

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने हिन्दी के अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को बताते हुए हिन्दी को विश्व की पहली भाषा बताया। उन्होंने कहा कि ‘विज्ञापनों में हिन्दी अनिवार्य है। हिन्दी भारत का वैश्विक परिचय है।’ उन्होंने हिंदी भाषा के महत्त्व को बताते हुए व्यापारिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक आदि क्षेत्रों में हिन्दी की उपयोगिता के बारे में भी बताया। उन्होंने सभी श्रोताओं से हिन्दी भाषा में हस्ताक्षर करने व हिन्दी के विस्तार पर ज़ोर देने का आग्रह किया।

हिन्दी की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा सोलंकी ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए हिन्दी के महत्त्व के बारे में बताया तथा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत माह सितंबर में हिन्दी विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिनमें प्रमुख हैं: निबंध, स्लोगन, प्रश्न मंच, काव्य पाठ प्रतियोगिता। भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित हिन्दी की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।


कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। सरस्वती वंदना तनीषा काग, मुस्कान वर्मा, भारती भालसे, नंदिनी मुजाल्दे, स्नेहा गोयल यशोदा डुडवे, नेहा खरे ने प्रस्तुत की। अतिथियों ने सितंबर माह की पत्रिका कौमुदी का अनावरण किया। विद्यार्थियों द्वारा हिन्दी भाषा के महत्त्व से संबंधित जानकारी का भित्ति पत्रिका में चित्रण किया गया। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. अशोक सचदेवा, आई क्यू ए सी प्रभारी डॉ. मंजू शर्मा एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रभारी डॉ. दिनेश दवे ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शर्मिला चौहान एवं आभार डॉ. शबनम खान ने माना। कार्यक्रम में डॉ. अभया दायमा, डॉ. वंदना चौहान, डॉ. गंगाराम डुडवे, डॉ. वारिश जैन, विजयता पंडित, डॉ. पिंकी कोठारे, डॉ. विजय शर्मा एवं बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित रहीं।

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