ढाई आखर का चौथा कला संवाद सम्पन्न

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इन्दौर। कबीर जनविकास समूह द्वारा रविवार को इंदौर के जीवन शाला में “ढाई आखर”के चौथे कला संवाद में कलाकार एवं कलाप्रेमियों ने कला एवं विचारों के माध्यम से निर्गुणी तत्व एवं संवैधनिक मूल्यों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दो सत्र थे ‘तत्संग’ एवं ‘तत्संवाद’। प्रारंभ प्रीति सिंगार के “घट घट में पंछी बोलता है…..”प्रभावी गायन से हुआ एवं साक्षी ने समता एवं शांति के प्रणेता बुद्ध के विचारों को कत्थक की भाव भंगिमाओं पद संचलन,गति,एवं लय से प्रस्तुत कर शांति का वातावरण निर्मित किया।
छोटेलाल भारती ने प्रेम एवं मानवता पर दो सुंदर कविताएं प्रस्तुत की। “तत्संवाद” सत्र में सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र बंधु ने समता और समानता का अर्थ बताते हुए स्पष्ट किया कि समानता के मायने सबको समान अवसर परंतु समता का अर्थ आवश्कतानुसार अवसर साथ ही बताया कि पुरुष वादी समाज महिलाओं के विकास में कई बार बाधाएं उत्पन्न करता है इसे दूर करने की जरूरत है।नरेंद्र रायपुरिया ने समता, समानता और समरसता का अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि संविधान की मंशा के अनुरूप हमे समता मूलक समाज बनाने की जरूरत है। खुले संवाद में रितेश गोहिया( टिमरनी) ने ढाई आखर की संरचना को आगे बढ़ाने ,डॉ सुरेश पटेल ने निर्गुण और संविधान की अवधारणा पर प्रकाश डाला। कबीर गायक विक्रम बोरदिया, लाखन मंडलोई एवं साथियों ने कबीर के सदा राम रस बीनी चादर….जरा हल्के गाडी हांको….। भजन सुनकर माहौल में ऊर्जा भर दी।कार्यक्रम का संचालन पूजा एवं शिवानी ने किया। मंच व्यवस्था विनोद, बृजेश ने संभाली आभार मुकेश करोले ने माना।

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