इन्दौर ने सुनी थी गुरु नानक जी की वाणी

इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला की 109वीं कड़ी में गुरुनानक जी को याद किया गया और उनके कृतित्व तथा व्यक्तित्व पर चर्चाएँ की तथा चित्र का अनावरण भी किया। मंगलवार को सम्पन्न हुए कार्यक्रम में कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रचार मंत्री ने एक ओर जहाँ उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला, वहीं इन्दौर से सम्बन्ध बताया।
उषा जोशी ने सरस्वती वन्दना पश्चात् गुरुवाणी का वाचन किया तो अरविन्द जोशी ने उनके जन्मदिवस को प्रकाश पर्व व उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। भरत उपाध्याय ने गुरु अर्जुन देव तथा राधिका इंगले ने सत्संग महिमा पर बातें कीं। डॉ. आरती दुबे सतनाम व ईश्वर महिमा तथा दीप्ति गुप्ता ने उन्हें महान व्यक्तित्व बताया।

डॉ. अर्पण जैन ने अध्यक्षीय उद्बोधन में नानकदेव को समाज सुधारक के रूप व्यक्त करने के साथ उनके काव्य का समाज पर प्रभाव दर्शाया। डॉ. अर्पण जैन ने कहा कि मानवतावादी दृष्टिकोण के परिचायक रहे गुरुनानक देव। श्यामसिंह ने लंगर प्रथा व समानता पर विचार रखे। डॉ. पुष्पेन्द्र दुबे ने नानकजी के जात-पात के भेदभाव के विरुद्ध विचार बताए। इस अवसर पर अर्पण जैन ‘अविचल’ का जन्मदिवस होने से उनका स्वागत किया गया। आभार उमेश पारिख ने व्यक्त किया। श्री राजेश शर्मा, अरविन्द ओझा, नयन राठी, अश्विन खरे, अखिलेश राव, महेश लोंदवाल आदि उपस्थित थे।
