हिंदू फ्रंट फार जस्टिस ने याचिका में मांग की ‘मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोका जाए और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार दिया जाए’
धार। धार भोजशाला विवाद को लेकर उच्च न्यायालय में चल रही जनहित याचिकाओं में मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिका में किसी भी पक्षकार का जवाब मंगलवार को नहीं आया इस कारण से कोर्ट ने जवाब के लिए समय देते हुए सुनवाई छह सप्ताह आगे बढ़ा दी।
इन याचिकाओं में से एक हिंदू फ्रंट फार जस्टिस ने दायर की है। इसमें मांग की गई है कि मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोका जाए और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार दिया जाए। कोर्ट ने इस मामले में शासन और संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगलवार को पक्षकारों के जवाब आ जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भोजशाला विवाद सदियों पुराना है। हिंदुओं का कहना है कि यह सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। अंग्रेज भोजशाला में लगी वागदेवी की प्रतिमा को लंदन ले गए थे। याचिका के साथ 33 फोटोग्राफ भी संलग्न किए गए हैं। इस याचिका के अलावा भी कुछ अन्य याचिकाएं हाई कोर्ट में चल रही हैं। सभी की सुनवाई एक साथ चल रही है।