अंतरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य समागम में डाॅ दवे और मुकेश तिवारी सम्मानित

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भोपाल । हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन, भोपाल ने अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समागम 2022 का आयोजन किया । जिसके अंतर्गत सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन समारोह एवं वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी विषय पर व्याख्यान सुनने को मिला । कार्यक्रम का आयोजन 12 सितंबर 2022 को शाम 5.30 से दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय में किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी, भोपाल मप्र के निदेशक डॉ विकास दवे जी ने की। आपने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सार्थकता इस पर निर्भर करती है कि वह लोगों को हिन्दी के प्रयोग के लिए कितना प्रोत्साहित कर सका है। आज जब कि हिन्दी दिवस की जगह हिन्दी मास मनाने का चलन चल पड़ा है तब आवश्यकता है कि हम पूरे वर्ष को ही हिन्दी वर्ष की तरह मनायें।

मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित हैं वरिष्ठ साहित्यकार, अभिनेता एवं पत्रकार श्री कपिल कुमार जी, जो कि बेल्जियम से पधारे थे, उन्होंने कहा कि हर प्रवासी भारतीय को हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना चाहिए ।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रमा शर्मा पूर्णिमा, जापान, जो कि एक वरिष्ठ साहित्यकार हैं एवं हिन्दी की गूंज, अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका की मुख्य संपादक भी हैं , ने कहा कि बच्चों के दिलो दिमाग में हिन्दी के प्रति प्रेम एवं सम्मान जाग्रत करने की आवश्यकता है। इसलिए उन्हें बचपन से ही मातृभाषा में दक्ष बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

सारस्वत अतिथि हैं जर्मनी के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाॅलिस्टिक रिसर्च एंड वाॅलिंन्ट्री एक्शन की मारला ईमरल ने कहा कि दिलों में देश प्रेम एवं हिन्दी प्रेम धड़कनों की तरह होना चाहिए।

नोएडा से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डॉ कमल टाॅवरी ने कहा कि जीवन में व्यंग्य की आवश्यकता है। साथ ही साथ यह भी कहा कि हमें समस्या की जगह समाधान जन जन को सुझाना चाहिए।

कार्यक्रम का आरंभ प्रमिला झरबडे द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। आभार मधूलिका सक्सेना ने प्रकट किया एवं सरस संचालन किया भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने।

समारोह में चार पुस्तकें लोकार्पित की गयीं । लघुकथा संग्रह ‘उन्मेष’, जिसमें कि पूरे भारतवर्ष के प्रसिद्ध लघुकथाकारों द्वारा लिखित लघुकथाओं को शामिल किया गया है साथ ही साथ लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर कहे जाने वाले प्रबुद्ध साहित्यकारों के लघुकथा से संबंधित लेख भी शामिल हैं और साथ ही साथ समस्त शामिल लघुकथाकारों का विस्तृत जीवन परिचय भी। इस पुस्तक का संपादन डॉ मीनू पाण्डेय नयन नेे किया है एवं समस्त रुपरेखा विकसित करने में अति विशिष्ट सहयोग रहा है, सहसंपादक मनोरमा पंत का।

दूसरी पुस्तक जो विमोचित हुई वो है कपिल कुमार की हिन्दी एवं उर्दू में लिखी पुस्तक पल्वशा।

जापान से पधारीं रमा शर्मा जी की दो पुस्तकें ‘मुरझाए फूल और आतप जीवनम’ भी इस समारोह में विमोचित की गई ।

इस गरिमामयी आयोजन में डाॅ विकास दवे, कपिल कुमार, रमा शर्मा पूर्णिमा, मारला ईमरल एवं डॉ कमल टाॅवरी को अन्तरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया।

लघुकथा संग्रह उन्मेष में शामिल सभी लघुकथाकारों कल्पना विजय, जया आर्य, डॉ रंजना शर्मा, मधूलिका सक्सेना, शेफालिका श्रीवास्तव, हंसा श्रीवास्तव, मधूलिका श्रीवास्तव, प्रेक्षा सक्सेना, कांता राॅय, गोकुल सोनी, मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी, मुकेश तिवारी, लीना वाजपेयी, चित्रा चतुर्वेदी, मृदुल त्यागी एवं डॉ साधना शुक्ला आरिणी उन्मेष सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया।

सभी आमंत्रित वक्ताओं के वक्तव्य के बाद भोपाल की प्रमुख साहित्यिक संस्थाओं दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, तुलसी साहित्य अकादमी, वरिष्ठ नागरिक मंच, हिन्दी लेखिका संघ, लघुकथा शोध केंद्र, अखिल भारतीय कलामंदिर, बज्म़ ए अफ़सांचा, भोपाल, द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया गया ।

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