भारतीय फुटबॉल का विश्वकप सपना टूटा, ‘गोल मशीन’ सुनील छेत्री का शानदार प्रदर्शन

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नई दिल्ली। करिश्माई फुटबॉलर सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) का शानदार प्रदर्शन इस वर्ष भी जारी रहा, लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग में 11 पायदान लुढ़कने के अलावा विश्व कप क्वालीफायर और एशिया कप में शुरू में ही बाहर हो गई।
इस साल भारतीय फुटबॉल में कुछ दूरदर्शी फैसले हुए, जिसमें अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने 12 सत्र पुरानी आई लीग (राष्ट्रीय फुटबॉल लीग के तौर पर 11 साल बाद) को घरेलू क्लब प्रतिस्पर्धा में दूसरे दर्जे की कर दिया। शीर्ष स्तर लुभावनी इंडियन सुपर लीग ने ले लिया जो इसके काफी बाद में 2014 में शुरू हुई।

ज्यादातर क्लब लीग के स्तर को लेकर एक तरफ थे और महासंघ एक तरफ, लेकिन एआईएफएफ ने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के हस्तक्षेप के बाद आईएसएल को शीर्ष स्तर की लीग के तौर पर मान्यता दी। आईएसएल जीतने वाली टीम को अब महाद्वीप की शीर्ष स्तर की एशियाई चैंपियंस लीग में खेलने का मौका मिलेगा, जबकि आई लीग विजेता दूसरे दर्जे के एएफसी कप में खेलेगी।

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