क्या होता है फास्टैग, कैसे मिलेगा ऑनलाइन

407 Views

नई दिल्ली। नेशनल हाईवे से अपने गंतव्य पर जाने वाले सभी प्रकार के चार पहिया वाहनों के लिए आगामी 1 दिसम्बर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बदलाव में सभी वाहनों को ‘फास्टैग’ (Fastag) लगाना अनिवार्य होगा। सरकार 100 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन हासिल करने के लिए यह कदम उठा रही है।

क्या होता है फास्टैग : फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है। वाहनों के विंडस्क्रीन पर लगने वाले विशेष प्रकार के ‘टैग’ के कारण जैसे ही गाड़ी टोल प्लाजा के नजदीक आएगी तो वहां लगा सेंसर वाहन फास्टैग को ट्रैक कर लेगा। जैसे ही टोल प्लाजा पर आप पहुंचेंगे, वहां पर आपके फास्टैग खाते से निर्धारित शुल्क अपने आप कट जाएगा। यानी टोल प्लाजा पर आपको रुककर शुल्क जमा नहीं करना पड़ेगा।दरअसल फास्टैग अकाउंट एक तरह से प्रीपेड अकाउंट होता है। ठीक उसी तरह जिस तरह आप अपने मोबाइल की सेवा जारी रखने के लिए शुल्क चुकाते हैं। रिचार्ज रखने के लिए शुल्क अदा करते हैं। इसमें होगा यह कि जब फास्टैग खाते की राशि खत्म हो जाएगी, उसे रिचार्ज कराना होगा।
कैसे ऑनलाइन खरीदें फास्टैग : पुरानी गाड़ी के वाहन मालिक फास्टैग को बैंकों के माध्यम से भी खरीद सकते हैं। ये वो बैंक होंगे सरकार के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के तहत अधिकृत हैं।
ये बैंक हैं- भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंकएचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, सिंडिकेट बैंक, आईडीएफसी बैंक और इक्विटास बैंक। यही नहीं, पेटीएम से भी इन्हें खरीदा जा सकता है।
बैंकों की अलग-अलग शर्तें लागू हो सकती हैं। इस प्रक्रिया के तहत किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल से ऑफ लाइन भी फास्टैग को खरीदा जा सकता है लेकिन ऑनलाइन खरीदना ज्यादा सुविधाजनक है, इससे आप लंबी कतार से बच जाएंगे।

फास्टैग प्रीपेड खाता खोलने के लिए बैंक की ऑनलाइन फास्टैग एप्लिकेशन वेबसाइट पर जाना होगा, जहां आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद यह खुल जाएगा।

वेबसाइट पर डॉक्‍यूमेंट और डिटेल अपलोड करने के एक से दो दिन के भीतर कोरियर के माध्‍यम से आपके घर पर फास्‍टैग आ जाएगा, जिसे आप अपनी गाड़ी के शीशे पर लगाकर टोल प्‍लाजा पर बिना रुके निकल सकते हैं।

Translate »