हिन्दी के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध है डॉ. नीना जोशी

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लक्ष्मण जाधव, देवास

माँ अहिल्या का नगर इंदौर वैसे तो कई मायनों में अपनी पहचान बना चुका है । साहित्य,कला, समाज, खेल, नेतृत्व और राजनीति के बड़े दिग्गज देने वाले इस शहर ने भारत ही नहीं वरन विश्व को कई दिग्गज शख्सियतों का पुलिंदा सौंपा है। उसी तरह भाषा के प्रचार और प्रभाव की स्थापना के लिए भी यह शहर अपनी अलग पहचान रखता हैं।
28 मार्च 1918 को जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति की नींव रखने इंदौर आए थे तब गाँधी जी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का संकल्प लिया था, ठीक सौ वर्षों बाद इसी शहर इंदौर से डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान की स्थापना कर बापू के उसी संकल्प को पुनर्जीवित कर आंदोलन का स्वरूप देकर साहित्य और आम जनमानस को जागृत करने का पुनीत कार्य आरंभ किया । संस्था से आज लगभग 11 लाख लोगों का विश्वास और समर्थन जुड़ गया। लोगों ने अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करना आरंभ कर दिए।
इसी कड़ी में डॉ अर्पण जैन अविचल के साथ एक हिन्दी योद्धा और संकल्पित होकर चल रही है, जो मूलतः चिकित्सकीय पेशे से है, शहर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता, प्रदेश महामंत्री अरविंद जोशी की धर्मपत्नी डॉ नीना जोशी हैं।

डॉ नीना जोशी वर्तमान में मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है तथा हिन्दीग्राम व मातृभाषा. कॉम की संयोजिका भी है। हिन्दी योद्धाओं की एक फौज खड़ी कर मातृभाषा हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए मातृभाषा शक्ति को आगे लेकर चलने वाली नेत्री डॉ जोशी कर्मठ और लगनशील योद्धा है।
डॉ जोशी ने एक काव्य संकलन ‘काव्य दस्तक’ लिखा है, भाषा सारथी सम्मान,मातृभाषा गौरव सम्मान 2019 आदि कई सम्मानों से सम्मानित डॉ. जोशी कुशल गृहिणी होने के साथ-साथ कुशल नेतृत्वकर्ता भी है।
13 दिसंबर को पिता उदयलाल जी व माता भागवंती देराश्री की संतान के रूप में इंदौर (मध्यप्रदेश) में जन्म लेकर प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा भी यही प्राप्त की। बाद में आपने उच्च शिक्षा इंदौर में ही डी.एच. एम. एस., एम.एस. (होम्योपैथी) का अध्ययन किया। वर्षों तक आपने अपने चिकित्सकीय पेशे को जीवंत रखा। आपका विवाह अरविंद जोशी के साथ हुआ। डॉ जोशी की 3 संतान है। एवं आपकी बहु कुशल एवं ख्यात चित्रकार रचना जोशी है।

चिकित्सकीय पेशे को दरकिनार कर डॉ नीना जोशी पूर्णतः हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु हिन्दीग्राम के माध्यम से कार्यरत है। साहित्य जगत में डॉ अर्पण जैन अविचल के सक्रिय दल का महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर आप लगातार आंदोलन, गोष्ठी, प्रतियोगिताओं, आयोजन, सम्मान समारोह आदि के माध्यम से जनमानस में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम जगा रही है।
विगत 2 वर्षों में डॉ नीना जोशी ने देश मे कई राज्यों में हिन्दी योद्धाओं के दल तैयार किए, उनका नेतृत्व करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रतिनिधित्व के लिए हिंदी योद्धाओं का सक्रिय दल तैयार किया है, जिसमें मातृ शक्ति की बहुलता हैं। आज इसी कारण हिन्दी जगत में डॉ नीना जोशी का नाम भी सर्वव्याप्त बनता जा रहा है । हिन्दी को अपना अभिमान और हिंदी प्रचार को ही जीवन का ध्येय मानने वाली डॉ नीना जोशी कहती है कि ‘भारत भूमि पर ही आज हिंदी संघर्षरत है, आज भारतीयों को एकजुट हो कर अपनी राष्ट्रभाषा के नैतिक अधिकार को प्राप्त करना चाहिए, जब मातृभाषा उन्नयन संस्थान, हिन्दीग्राम व मातृभाषा.कॉम के माध्यम से सम्पूर्ण राष्ट्र में हिंदी आंदोलन संचालित हो रहा है तो फिर जनमानस को संस्थान के साथ मिलकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संकल्पित होना चाहिए। इसी तरह डॉ अर्पण जैन का कहना है ‘हिन्दी के सम्मान में – हर भारतीय मैदान में’ जैसी अलख राष्ट्र में आवश्यक हैं। जनभागीदारी और जन समर्थन के साथ ही हिंदी अपने स्वाभिमान को प्राप्त कर पाएगी।’

इसी तरह हिंदी को अपना जीवन समर्पित करने वाली हिन्दी योद्धा डॉ. नीना जोशी का समर्पण और हिन्दी प्रेम अद्भुत हैं। यह यथावत रहना चाहिए।

लक्ष्मण जाधव, देवास
पत्रकार एवं सक्रिय हिंदी योद्धा

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