हड़ताली मजदूरों ने घेरा कलेेक्टर कार्यालय
11 अक्टूबर से हड़ताल पर है भण्डारी फाईल्स कंपनी के मजदूर
देवास। भण्डारी फाईल्स आजाद मजदूर यूनियन के बैनर तले सैकडों मजदूरों ने कलेेक्टर कार्यालय का घेराव कर मौन धरना दिया। यूनियन के अध्यक्ष हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि भण्डारी कंपनी के मजदूर 11 अक्टूबर से हड़ताल पर है, उन्हें न तो धरना प्रदर्शन की अनुमति दी जा रही है और ना ही मांगों पर कंपनी और प्रशासन कोई कार्यवाही कर रहा है। बल्कि जब कई प्रयास करने के बाद श्रमायुक्त के साथ कंपनी मैनेजमेंट और यूनियन की बैठक आयोजित हुई। उस बैठक से भी मैनजमेंट उठकर चला गया। जब श्रमायुक्त की समझाईश पर 5 नवम्बर को श्रमिक कंपनी में काम करने पहुंचे तो कंपनी के सुरक्षा गार्ड द्वारा गाली गलौच कर भगा दिया गया। जिसकी शिकायत श्रम विभाग में लंबित पड़ी है पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। श्रमायुक्त द्वारा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग एवं श्रम पदाधिकारी देवास को कंपनी का निरीक्षण करने के आदेश भी जारी किए गए किंतु इस निरीक्षण की रिपोर्ट भी इन दोनों ही अधिकारियों द्वारा आज तक श्रमायुक्त कार्यालय को नहीं भेजी गई। यूनियन के अध्यक्ष ने इन अधिकारियों पर कंपनी के साथ सांठ गांठ होने का आरोप भी लगाया है। यूनियन ने धरना प्रदर्शन में हाल ही में दिवंगत मजदूर साथी योगेश जोशी को समस्त भुगतान 24 घंटे में कर परिवारजन को अनुकंपा नियुक्ति एवं जोशी के पुत्र की शिक्षा दीक्षा का खर्च कंपनी द्वारा उठाए जाने की मांग की। साथ ही समस्त हड़ताली श्रमिकों को बिना शर्त वापस लेने, सितम्बर अक्टूबर माह का वेतन एवं वेतन का भुगतान तुरंत करवाए जाने की मांग को भी पुरजोर तरीके से उठाया। धरना प्रदर्शन में सैकडों की संख्या में मजदूर शामिल हुए।
कलेक्टर से मिलने पर अड़े मजदूर
भण्डारी कंपनी के मजदूरों के इस धरने में बातचीत करने के लिए प्रशासन की तरफ से एसडीएम श्री रजक आए लेकिन मजदूर कलेक्टर से ही मिलने पर अड गए। इसी बीच पुलिस द्वारा कलेक्टर की गाड़ी को बाहर जाने के लिए रास्ता मांगने की बात पर मजदूर भडक गए और कहा कि यदि हम सैकडों की संख्या में बैठकर कलेक्टर से मिलने का इंतजार कर रहे है और अगर वे हमसे बिना मिले निकल जाना चाहते है तो प्रशासन पर भरोसा करना संभव नहीं है। हंगामे को मद्देनजर रखते हुए एसडीएम श्री रजक ने यूनियन अध्यक्ष की मुलाकात कलेक्टर से करवाई एवं 15 दिसम्बर तक संपूर्ण मामले को निपटाने का आश्वासन कलेक्टर ने दिया। जिस पर धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ। यूनियन द्वारा 15 दिसम्बर तक मामला न निपटने की स्थिति में आंदोलन को ओर तेज करते हुए चक्काजाम, शहर बंद आदि चरणों में जाने की घोषणा की गई।
मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन।
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