*अस्त व्यस्त यातायात औऱ सड़क के बिगड़े हाल ने फिर बुझा दिया एक घर का चिराग*
*सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा*
*क़ुक्षी।। खबर हलचल न्यूज़(देवेंद्र जैन द्वारा)*
क़ुक्षी नगर की अस्त व्यस्त यातायात व्यवस्था और देखरेख के अभाव में सड़कों के बिगड़े हालातो से हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगो को अकाल मृत्यु प्राप्त हुई इसी का ताजा उदाहरण विगत दिवस हुई दुर्घटना में देखा गया जिसमें जो अतिव्यस्ततम खंडवा -बड़ोदा राजमार्ग पर न्यायालय के सामने एक ट्राले में दबने से क़ुक्षी में मेला संचालक सुभाष अग्रवाल निवासी उज्जैन के पुत्र गोलू को असमय प्राण गवाने पड़े। दुर्घटना स्थल पर पहुचे इस प्रतिनिधि से प्रत्यक्षदर्शियों ने हालातो का बयान करते हुए बताया कि मोटरसाइकल सवार गोलू सड़क किनारे से निकल रहे थे सड़क के किनारों पर खड़े वाहनों से बचने मोटरसाइकिल सड़क के नीचे उतरने के प्रयास में बिगड़ी सड़क की हालत के कारण मोटरसाइकिल फिसली सड़क पर आ रहे ट्राले की चपेट में आकर गोलू गंभीर रूप से घायल हो गया बड़वानी उपचार के लिए ले जाते वक्त गोलु की मौत हो गयी।
*दुर्घटनाओं को आमंत्रण देती बेहाल सड़कें:–*
मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा अनुबंध पर बनाई सड़क जिसका निर्माण एक निजी कंपनी द्वारा किया गया जिसमे अनुबंध सीमा तक देखरेख भी कंपनी का दायित्व है उसका पालन नही हो रहा निर्मित सीमेंट कांक्रीट सड़को के किनारों पर डामर की कॉलर पिचिंग सड़क के निर्माण के वक्त से ही नही हुआ जिसके कारण सड़क के किनारों की मिट्टी हटने से वाहन सड़क पर लाने पर स्लिप होते है जो प्रमुख रूप से दुर्घटना का कारण बनते है। नगर में कई स्थानों पर इस तरह के हालात है जिसकी अनदेखी की जा रही है।
*अस्त व्यस्त यातायात और पार्किंग:–*
नगर के प्रमुख मार्गों एवं गुजर रहे राजमार्ग पर पार्किंग किए जाने वाले वाहनों के कारण भी अधिकांश दुर्घटना हो रही है नगर के संकीर्ण एवं अतिक्रमण प्रभावित प्रमुख सड़को पर गैरवाजिब तरीको से पार्किंग वाहनों के कारण यातायात तो प्रभावित होता है वहीं सड़क के किनारों पर चल रहे राहगीरों को भी इसका खामियाजा किसी दुर्घटना में देना पड़ता है।
नगर की इस गंभीर समस्या को कई बार आमजनों ने जिम्मेदारों के सम्मुख लाने का प्रयास समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के माध्यम से, एवं प्रशासन को समस्या को ज्ञापन के माध्यम से भविष्य के दुष्परिणामो के लिए आगाह किया पर किसी सार्थक पहल के अभाव में दुर्घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सका।