मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले टी .व्ही तथा अन्य यंत्रो पर चुनाव प्रचार के प्रसारण आदि पर प्रतिबंध*

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*मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले टी .व्ही तथा अन्य यंत्रो पर चुनाव प्रचार के प्रसारण आदि पर प्रतिबंध*

** भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की 1951 की धारा 126 के तहत मीडिया कव्हरेज के संबध में दिषा निर्देष जारी किये है। आयोग ने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय के समाप्ति के 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान टी .व्ही तथा अन्य यंत्रो पर चुनाव संबंधी किसी भी विषय के प्रसारण आदि को प्रतिबंधित किया है । इसकी अवहेलना करने पर दो साल की जेल या जुर्माना दोनो ही दिये जा सकेगे ।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव संबंधी किसी भी विषय को चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय की समाप्ति से 48 घंटे की अवधि के दौरान टी व्ही आदि पर प्रदर्षन प्रतिबंधित है। आयोग ने इस बात को पुनः दोहराया है कि टी.व्ही/रेडियो चैनल व केबल नेटवर्क 48 घंटे की अवधि के दौरान परिचर्चाओ में शामिल पैनलिस्ट/भागीदारों के विचारों सहित ऐसी कोई बात प्रसारित नही करेगे जिससे यह आभास हो कि किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार की जीत की संभावना को प्रोत्साहित/पूर्वाग्रहित अथवा निर्वाचन को प्रभावित किया जा रहा है।
असभ्य समाचार अथवा आलोचनात्मक बयान प्रकाषित करने से बचे
प्रेस कांउसिल के अनुसार प्रेस को असभ्य समाचार अथवा आलोचनात्मक बयान प्रकाषित करने से बचना चाहिए, जिसमें किसी उम्मीदवार के व्यक्तित्व व आचरण या उम्मीदवारों अथवा नाम वापसी को लेकर उसके निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव पडता हो। प्रेस को उम्मीदवारी/राजनैतिक दल के विरूद्ध असत्यापित समाचार प्रकाषित नही करना चाहिए । प्रेस को किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल के छवि निर्माण के लिये किसी प्रकार का आर्थिक या अन्य प्रलोभन स्वीकार नही करना चाहिए । उसे किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल अथवा उनकी ओर से किसी अन्य द्वारा लिया गया आतिथ्य या अन्य सुविधाएं स्वीकार नही करना चाहिए ।

*राजनैतिक दल विषेष के प्रति समर्थन जुटाने में लिप्त न हो*
समाचार पत्रों से यह आशा नही की जाती है कि वे किसी विषेष उम्मीदवार/राजनैतिक दल के प्रति समर्थन जुटाने में लिप्त होगे। प्रेस को किसी राजनैतिक दल/सत्ताधारी दल के बारे में कोई ऐसा विज्ञापन स्वीकार/प्रकाषित नही करना चाहिए जिससे उसकी अदायगी सरकारी खजाने से हो । प्रेस को निर्वाचन आयोग/रिटर्निग आॅफिसर या मुख्य निर्वाचन पदाधिकरी द्वारा समय-समय पर जारी निर्देषो/आदेषो का पालन करना चाहिए।

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