*प्रसिद्ध संत ,तपोमूर्ति , पद्म विभूषण श्री नारायणदास जी ने देह त्यागी*
*भक्तो में अकल्पनीय शोक*
*त्रिवेणी धाम राजेस्थान से कपिलेश शर्मा* – भारत के प्रसिद्ध संत , तपो मूर्ति , प्रातः स्मरणीय , भक्तो में ईश्वर तुल्य , परम परोपकारी , पद्म भूषण कठिया परिवाराचार्य , खोजी जी द्वारचार्य ब्रह्मपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री नारायणदास जी त्रिवेणी धाम , डाकोर धाम ने शनिवार शाम अपनी देह का त्याग कर दिया ।
विगत दिनों खराब स्वास्थ्य के चलते महाराज श्री को जयपुर स्थित निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था , जहाँ शुक्रवार को शाम तक डॉक्टरों के जवाब दिए जाने के बाद शनिवार सुबह उन्हें त्रिवेणी धाम राजेस्थान ले आया गया था , जिसके बाद से ही उनके भक्तों और अनुयाइयों के बीच किसी अनहोनी को लेकर धड़कने तेज होने लग गयी थी , प्रार्थनाएं अपने चरम सीमा पर थी , त्रिवेणी धाम में दूर दराज , अन्य प्रदेशों से साधु , संतो और उनके भक्तों का तांता लग चुका था , शाम करीब 4 बजकर 40 मिनट पर महाराज जी के देह त्याग की जैसे ही सूचना हुई भक्तो में अकल्पनीय शौक व्याप्त हो गया । महाराज श्री की पार्थिव देह को उनके निजी महल (एक छोटा सा कमरा , जिसे सभी भक्त महल के नाम से संबोधित करते है )में उनके भक्तों , संतो , अनुयाइयों केलिए दर्शन हेतु रखा गया ।जो कि शनिवार देर रात्रि 3 बजे से रविवार सुबह 11 बजे तक सुलभ होगा ।
*परम परोपकारी ,अपने भक्तो में ईश्वर तुल्य थे*
महाराज श्री का देह त्यागना सम्पूर्ण भारत के अपूर्णीय श्रति है , महाराज श्री के जैसे त्याग , तपो मूर्ति संत इस घोर कलिकाल में मिलना दुर्लभ है । ज्ञात हो कुछ दिनों पूर्व ही महाराज श्री को देश के राष्ट्रपति द्वारा उनके समाज , तथा धर्म क्षेत्र में सेवा परोपकारी कार्यो हेतु पद्म वीभूषण से सम्मानित किया गया था ।महाराज श्री रामानंद सम्प्रदाय के कठिया परिवार के आचार्य थे, तथा त्रिवेणी धाम तथा डाकोर धाम गादी पर विराजमान थे । महाराज श्री अपने भक्तों ईश्वर तुल्य थे , उनके लिए सब कुछ थे ।